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कांवड़ का बदलता स्वरूप

सावन का महीना शिवपूजा के लिए इसलिए पवित्र और महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि सावन माह में पार्वती जी ने तपस्या…

5 years ago

पहाड़ियों को बहुत प्रिय है घुघूती

पहाड़ों में जिन पक्षियों ने जनमानस को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उनमें से एक है घुघूती. इससे जुड़े गीतों…

5 years ago

लगातार खनन और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड की नदियों से मछलियां गायब हो रही हैं

सुनहरी माहसीर या हिमालयी माहसीर, असेला ट्राउट, कुमाऊँ ट्राउट, पत्थर चट्टा, कलौंछ, लटिया, छगुनी, भारतीय ट्राउट,  हैमिल्टन बेरिल, बरना बेरिल,…

5 years ago

बल्दिया एकादशी: बैलों की छुट्टी और मौज-मस्ती का दिन

उत्तराखंड का बहुजन समाज मुख्यतः कृषक और पशुपालक रहा है. इनके लिए जमीन और पशुधन सबसे ज्यादा प्रिय और कीमती…

5 years ago

ताड़ीखेत की आबोहवा के मुरीद थे महात्मा गाँधी

ताड़ीखेत के नयनाभिराम प्राकृतिक सौन्दर्य और शीतल, स्वास्थ्यवर्धक वातावरण से महात्मा गाँधी बहुत मोहित हुए. ताड़ीखेत की तारीफ में 11…

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गौला नदी: नैनीताल जिले की जीवनरेखा

उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल की हल्द्वानी तहसील की सबसे बड़ी नदी है गौला. नैनीताल जिले के खासे भूभाग की सिंचाई…

5 years ago

छिपलाकेदार: फूलों की घाटी और ब्रह्म कमल के मैदान

नेपाल व तिब्बत से सटे सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की मुनस्यारी व धारचूला तहसील के बीच स्थित है छिपलाकेदार. हिमाच्छादित चोटियों…

5 years ago

पहाड़ी खून में है पहाड़ी नूण

अपना मित्र और पूर्व में सहकर्मी रहा शमशेर नेगी एक बड़ी मजेदार बात कहा करता है- "जिसने नहीं खाया पहाड़ी…

5 years ago

भगवान शिव और माता पार्वती के निवास कैलाश-मानसरोवर के कुछ अप्रतिम दृश्य

इन दिनों भारत सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली बहु-प्रतीक्षित कैलाश- मानसरोवर यात्रा चल रही है. दिल्ली से शुरू होने…

5 years ago

हल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की रोटी मक्खन, नून के साथ खाना

पहाड़ और मेरा जीवन – 42 पिछली कड़ी:  एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई हम सबकी…

5 years ago