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मिलम-मुनस्यारी से निकला एक युग नायक जिसे दुनिया ने जाना, हमने भुलाया

19वीं सदी का महान घुमक्कड़-अन्वेषक-सर्वेक्षक पण्डित नैन सिंह रावत (सन् 1830-1895) आज भी ‘‘सैकड़ों पहाड़ी, पठारी तथा रेगिस्तानी स्थानों, दर्रों,…

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भयंकर बारिश के बीच गोरी नदी किनारे काली अंधेरी रात

सितम्बर में जाते मानसून के साथ हमने मिलम की दूसरी यात्रा शुरू की थी. जिस दिन हम पैदल चलना शुरू…

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राज्य आन्दोलनकारी जिसने शराब के विरोध में अपनी जान दे दी : पुण्यतिथि विशेष

उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के समय हम स्कूल में थे. आन्दोलन से जुड़ी एक ठोस याद एक ख़बर है – पिथौरागढ़…

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बचपन में देखा हुआ एक स्वप्न है मेरा एड़द्यो

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में मछखाली और सोमश्वर के बीच लगभग सात हजार फीट ऊँची पर्वतश्रेणी एड़द्यो कहलाती है. इस…

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बयालीस साल पहले इसी हफ्ते रिलीज हुई थी ‘डॉन’

वर्ष 1978 का साल, एक महीने में अमिताभ बच्चन की पाँच फिल्में रिलीज हुईं, जिनमें से तीन डॉन, त्रिशूल और…

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कॉलेजों की ऑनलाइन क्लासेज और पहाड़ के छात्र

कोरोना महामारी के इस दौर में सैकड़ों ज्वलंत मुद्दों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा शिक्षा की बदलती पद्धति को लेकर…

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लॉकडाउन में गाँव लौटे शेफ प्रकाश दा की चिकन बिरयानी

लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रकाश किसी तरह अपने गाँव पहुँच गया. पिछले 5 सालों से वो दिल्ली में नौकरी…

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सुखदेव पांडेय : पहला पद्मश्री पाने वाले उत्तराखंडी

मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के निवासी सुखदेव पांडेय 1893 देहरादून में जन्में. मदन मोहन मालवीय के प्रिय शिष्य सुखदेव…

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गुजरे जमाने के स्कूलों के बहाने पचास साल पुराने पहाड़ की याद

पिछली सदी के साठ का दशक वह दौर था, जब  शिक्षा का मतलब केवल शिक्षा होता था, शिक्षित होकर ओहदा…

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लॉकडाउन और घर वापसी – एक छोटी कहानी

- कहाँ जा रहे हो? Short Lockdown Story Umesh Tiwari Vishwas - घर वापस. - यहाँ क्या परेशानी है? -…

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