समाज

प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’

प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’

आज विज्ञान और तकनीक की मदद से स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित नए आयाम जुड़ रहे हैं. पिछले…

6 months ago
असोज की घसियारी व घास की किस्मेंअसोज की घसियारी व घास की किस्में

असोज की घसियारी व घास की किस्में

पहाड़ के लोगों का पहाड़ सा जीवन महीना असोज के लगते ही हिमालय के तलहटी में बसे गाँवों में घास…

6 months ago
परम्परागत घराट उद्योगपरम्परागत घराट उद्योग

परम्परागत घराट उद्योग

वस्तुतः घराट को परम्परागत जल प्रबंधन, लोक विज्ञान और गांव-समाज की सामुदायिकता का अनुपम उदाहरण माना जाता है. सही मायने…

6 months ago
यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

मुनस्यारी में एक छोटा सा गांव है सुरिंग. गांव से कुछ तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर नंदा देवी का…

7 months ago
बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलिबिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

पहाड़ों में इन दिनों होता है आनन्द और उत्सव का माहौल. अगले कुछ दिन गाँव के लोग मिलकर आंगन में…

7 months ago
‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला

‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला

कभी हिमालय की तलहटी में बसे गाँवों की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पशुपालकों के त्योहार लाया का महत्वपूर्ण…

7 months ago
‘गिर्दा’ की जीवन कहानी‘गिर्दा’ की जीवन कहानी

‘गिर्दा’ की जीवन कहानी

‘गिर्दा’ की पूरी जीवन कहानी यायावरी की है. हवलबाग के पास कोसी नदी के करीब ज्योली गांव में माता श्रीमती…

7 months ago
पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’

पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’

आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी की शुरूआत तो उन्नीसवीं शताब्दी में हुई और देश में तो इसकी पहुंच आमजन तक स्वतंत्रता…

7 months ago
1982 में गोपेश्वर1982 में गोपेश्वर

1982 में गोपेश्वर

इस शताब्दी के पांचवें दसक के अन्त में आ चीनी विस्तारवादी ड्रेगन के खूनी पंजों में फंस कर जब तिब्बत…

7 months ago
हमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार है आजहमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार है आज

हमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार है आज

https://www.youtube.com/embed/tM07hC5IABM काफल ट्री का यूट्यूब चैनल अपनी विशिष्ट लोक परम्पराओं से उत्तराखंड के लोग अपने समाज को अलग खुशबू देते…

8 months ago