परम्परा

गबला देव: हिमालय की सौका जनजाति के आराध्यदेव

हिमालय के सौका आदिवासियों के अराध्यदेव.. जै हया दंतो गबला सै-जय हय दंत गर्बीला देव.. —डूंगर सिंह ढ़करियाल ‘हिमरज’ हिन्दू…

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कोट भ्रामरी मंदिर और नंदा देवी

कोट भ्रामरी अथवा कोट की माई उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जनपद में प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर समूह से लगभग…

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रामनवमी: विष्णु के अवतार राम का जन्मोत्सव

रामनवमी का त्यौहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाये जाने की परंपरा है. इसी दिन माँ दुर्गा…

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भूमि का रक्षक भूमिया देवता

उत्तराखण्ड में भूमिया देवता के मंदिर प्रायः हर गाँव में हुआ करते हैं. भूमिया देवता को भूमि का रक्षक देवता…

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कत्यूरी व चन्द शासकों की कुल देवी चम्पावती

कुमाऊँ के पूर्वी क्षेत्र के जिले चम्पावत में पूजी जाने वाली देवी है, चम्पवाती देवी. वे चम्पावत के आम जन…

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चम्पावत के हिंगला माता मंदिर में मां भगवती झूला झूलती हैं

चम्पावत जिले से चाहर किमी की दूरी पर स्थित है ललुवापानी. यहां से एक कच्ची सड़क जाती है हिंगला देवी…

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कपकोट के ईश्वरी भगवती माता मन्दिर में बैल पर विराजमान रहती है माता

सरयू नदी के तट पर बसा कपकोट बागेश्वर जिले की एक तहसील का नाम है. बागेश्वर मुख्यालय से कपकोट की…

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उत्तराखण्ड में धर्मशालाओं के निर्माण की शुरुआत करने वाले काली कमली वाले बाबा

काली कमली वाले बाबा को उत्तराखण्ड के तीर्थयात्रा के रास्तों पर धर्मशालाओं के निर्माण के लिए विशेष तौर पर याद…

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घर पर ऐसे बनता था उत्तराखंड में पिठ्या

उत्तराखंड में सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत पिठ्या लगाकर ही होती है. पिठ्या को यहां अत्यंत शुभ माना जाता है.…

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छूट प्रथा : उत्तराखंड के जौनपुर की प्रथा

उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल में एक खुबसूरत पहाड़ी क्षेत्र है जौनपुर. यमुना के बांयी तरफ स्थित जौनपुर का यह क्षेत्र…

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