परम्परा

एक लड़की और उसका पति जो सर्प था – कुमाऊनी लोककथा

एक बार एक आदमी की एक पत्नी थी. आदमी उससे नाराज था. उसने खुद से कहा, “अगर मैं एक पत्थर…

4 years ago

कका-काखी वाली मिठास अंकल-आंटी में नहीं आ सकती

भाषा एक ऐसा माध्‍यम है जिसके द्वारा हम किसी व्‍यक्ति के बारे में जान सकते हैं, उसे समझ सकते हैं,…

4 years ago

भगवान बिनसर का आदि मंदिर

पर्वतों की शोभा और सौन्दर्य के समक्ष विश्व के आश्चर्यजनक चमत्कार निष्प्रभ लगने लगते हैं, उनकी रमणीयता अपने में अनूठी…

5 years ago

हुड़किया जागर, डमरिया जागर और मुरयो जागर

जमाना वीर लोगों को सम्मान देता है. उनके शौर्य, साहस और पराक्रम की गाथाओं को हर पीढ़ी अगली पीढ़ी को…

5 years ago

गंगोत्री और यमनोत्री धाम की एक्सक्लूसिव तस्वीरें और वीडियो

देवभूमि उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सादगी पूर्ण तरीके से खोले गए. गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के…

5 years ago

सदेई : भाई-बहिन के निश्छल प्रेम की अमर गाथा

गढ़वाल में चैत के महीने गायी जाने वाली चैती गाथाओं में सदेई का विशिष्ट स्थान है. सदेई की गाथा में…

5 years ago

द्रोणागिरि के लोग आज भी क्यों भगवान हनुमान से नाराज हैं : तीस साल पुरानी रिपोर्ट

प्रकाश पुरोहित जयदीप द्वारा लिखा गया ये आलेख बहुत लोकप्रिय है. नब्बे के दशक में लिखे गये इस आलेख के…

5 years ago

चैतोल पर्व : लोकदेवता देवलसमेत द्वारा सोरघाटी के बाईस गांवों की यात्रा का वर्णन

मध्यकाल में लगभग शत-प्रतिशत पहाड़ कृषि खेतीबाड़ी पर ही जीवनयापन करता था. जीवन प्रकृति के समीप था, आचार व्यवहार हर…

5 years ago

आज होती सीमांत की अनोखी बिच्छू घास लगाने वाली बैशाखी

ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और…

5 years ago

चैत्र के महीने में उत्तराखंड के तीज-त्यौहार और परम्परा

सब ओर प्रकृति में हरियाली सज जाती है. नई कोंपलों में फूल खिलने लगते हैं. चैत मास लग चुका है.…

5 years ago