जन

बड़ी मेहनत से बनती है पहाड़ की कुड़ी

पहाड़ में परंपरागत बने मकानों में स्थानीय रूप से उपलब्ध पत्थर, मिट्टी, लकड़ी का प्रयोग होता रहा. हवा और धूप…

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गरुड़-सोमेश्वर वाले रहमान चचा और कुमाऊनी-गढ़वाली भाषा

विगत 9  दिसम्बर को गरुड़ वाले चाचा आ गए ,चाची को साथ लेकर. हम उन्हें गरुड़ वाले चाचा कहते हैं.…

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गांव सिरसोली की पार्वती देवी से लेकर शिकागो यूनिवर्सिटी तक एकमत हैं मेहमाननवाजी को लेकर

वह भी क्या दौर था, जब मेहमानों के आते ही खुशी छा जाती थी. अतिथि देवो भव की सनातन परंपरा…

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पर्वत पुत्र और हिल क्वीन

शस्यश्यामला देवभूमि की सड़क से साढ़े छत्तीस डिग्री का कोण बनाती सवारियों से लदी केमू की यह बस हल्द्वानी टेढ़ी…

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कनार गांव के भगवती मंदिर में मेले की ताजा तस्वीरें

पहाड़ों में पूर्णिमा के दिन अक्सर मेलों का आयोजन होता है. कल भी चतुर्दशी के दिन पिथौरागढ़ के कनार गांव…

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पिथौरागढ़ में कनार गांव के भगवती मंदिर में कल भव्य मेला

पिथौरागढ़ जिले में बरम गाँव से 16 किमी की पैदल दूरी पर स्थित है कनार गांव. कनार गांव को छिपलाकेदार…

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लियाकत और रियासत मिस्त्री ने की थी हनुमानगढ़ी मंदिर की चिनाई

बाबा नीम करोली महाराज को लेकर भी श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा रही है अपने बचपन को याद करते हुए डॉ.…

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तब खम्पा लोग रहा करते थे हल्द्वानी के आवास विकास में

हल्द्वानी शहर के निकट कई अन्य बस्तियां भी हुआ करती थीं. जो अब विकसित हो गई हैं. गोरा पड़ाव में…

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चीन-भारत युद्ध के पराक्रमी उत्तराखण्डी सैनिक की शहादत के 58 साल बाद उनका खाना बनता है और जूते पॉलिश किये जाते हैं

यह कहानी राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की है. 19 अगस्त, 1941 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गुमान सिंह…

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क्या फिर कभी मिल सकेगा उत्तराखंड को आर. एस. टोलिया जैसा अफसर

सामाजिक सरोकारों के अग्रणी, सफल प्रशासक, योग्य अध्येता, कुशल अन्वेषक, विद्वत इतिहासकार डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया आज हमारे बीच नहीं…

5 years ago