संस्कृति

लोक कथा : धोती निचोड़ी और टपके मोती

उस वृद्ध के पास ऐसा जीवन था जिस से संतुष्ट हुआ जा सकता है. भरा पूरा परिवार— जिसमें सात पुत्र…

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लोक कथा : बिणिभाट और उसकी सात बहुएँ

बिणिभाट नाम के ब्राह्मण की सात बहुएं थीं लेकिन सभी निःसंतान. एक दिन बिणिभाट हाट से लौट रहा था तो…

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लोक कथा : जूँ हो!

नरेन और मधुली दोनों जुड़वां का आपसी स्नेह गाँव भर में चर्चा का विषय रहता. दोनों भाई-बहनों को कोई भी…

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लोक कथा : लड़की जिसका सर्प के साथ ब्याह हुआ

एक अन्यायी और चापलूसी-पसंद राजा था. जो तो उसकी चाटुकारी में कसीदे गढ़ता उसे वह खूब खैरात बांटता लेकिन जो…

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पिथौरागढ़ के लंदन फोर्ट में नाटक हट्टमाला के उस पार मंचन

भाव राग ताल नाट्य अकादमी द्वारा आयोजित, 'मूल लेख बादल सरकार व हिंदी अनुवाद अभिषेक गोस्वामी' नाटक "हट्टमाला के उस…

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लोक कथा : मनमंजरी और सियार

किसी जंगल में एक बकरा और बकरी साथ रहा करते थे. बकरी का नाम था मनमंजरी. दोनों बहुत दुखी थे,…

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लोक कथा : माँ की ममता

प्यार से गोपू पुकारा जाने वाला गोपाल बहुत मिन्नतों के बाद पैदा हुई अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. माता-पिता…

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लोककथा : भाई भूखा था, मैं सोती रही

चैत्र का महीना शुरू हो गया था. सभी ब्याहताओं की तरह वह भी अपने भाई का रस्ता देखने लगी. भाई…

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लोक कथा : दिन दीदी रुको-रुको, अभी रुक जाओ

जाने कैसा भाग बदा था उस बहू का जो ऐसी दुष्ट सास मिली. बहू जितनी सीधी-सादी, निश्छल व सरल स्वभाव…

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लोककथा : इजा! बस तीन पतली-सी रोटियाँ

बहुत पुरानी बात है. उस पहाड़ी गाँव में एक लड़की रहती थी. माँ के अलावा उसका इस दुनिया में कोई…

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