मनुष्य का समभाव होना बुद्धत्व को प्राप्त कर लेना है. निर्वाण प्राप्त करना है, जिसमें जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा, महिला-पुरुष छोटा-बड़ा…
आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर महानगरों में रहने वाले लोग भी जो…
झोली का नाम झोली ही कैसे पड़ा इस बारे में विद्वानों के अपनी अपनी बुद्धि और तजुर्बे के हिसाब से…
पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी…
इण्डिया करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड में पिछले एक साल में 50 फीसदी लोगों…
मैदानी क्षेत्र में मनायी जाने वाली दीपावली के ठीक एक माह बाद उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल में जौनपुर और जौनसार…
हल्द्वानी में रहने वाली अभिलाषा पालीवाल की ऐपण कला पारंपरिक ऐपण कला और आधुनिक पेंटिंग का अद्भुत सम्मिश्रण हैं. देहरी…
गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा अकादमी के गठन के बाद दिल्ली सरकार द्वारा प्रवासी उत्तराखंडियों के हित में एक बार…
उत्तराखण्ड में पुराने समय में निमंत्रण देने के लिये एक व्यक्ति गांव के सबसे ऊंचे हिस्से पर जाता और वहाँ…
हल्दवानी के एमबीपीजी मैदान में इस समय जोहार महोत्सव चल रहा है. आज महोत्सव का दूसरा दिन है. (Johar Mahotsav…