मनुष्य का समभाव होना बुद्धत्व को प्राप्त कर लेना है. निर्वाण प्राप्त करना है, जिसमें जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा, महिला-पुरुष छोटा-बड़ा…
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पहाड़ को छोड़कर भी पहाड़ को नहीं भूलते हैं, उन्हीं में से एक है…
करीब दस एक साल पहले तक गढ़वाल के गांवों में मोछंग की धुन के साथ दर्द भरी आवाज में गीत…
कबूतरी देवी का उत्तराखण्ड और हिमालयी इलाके के लोक संगीत में एक बहुत बड़ा नाम रहा है. मधुर और खनकती…
कबूतरी देवी - (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के…
उत्तराखंड में जब भी लोकगीतों की बात होती है तो न्यौली अपना एक विशेष महत्व रखती है. न्यौली को न्योली…
झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी लागला बिलौरी का घामा हाथे कि कुटली हाथे में रौली नाके की नथुली नाके में…
प्रवेन्द्र सिंह कार्की उर्फ़ पप्पू कार्की (30 जून 1984-9 जून 2018) आज ही के दिन एक साल पहले सड़क दुर्घटना…
आज से सत्ताईस साल पहले आज ही के दिन यानी ईस्टर, 20 अप्रैल 1992 को लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में…