7 अक्टूबर 2019 को मैं आपना कैंप खत्म कर ऋषिकेश से अल्मोड़ा के लिए निकल रहा था. कैंप से निकलने…
दारमा घाटी की ख़ूबसूरती की व्याख्या शब्दों में कर पाना बहुत कठिन है. इन तस्वीरों को देखकर आप महसूस कर…
जब हम रालम और जोहार के लिए पिथौरागढ़ से निकले तो बरसात अपने चरम पर थी और रोड जगह जगह…
नहर देवी में एक छोटे से बाड़े में पैतीस चालीस लोगों के बीच दब कर जैसे-तैसे रात बिताने के बाद…
19वीं सदी का महान घुमक्कड़-अन्वेषक-सर्वेक्षक पण्डित नैन सिंह रावत (सन् 1830-1895) आज भी ‘‘सैकड़ों पहाड़ी, पठारी तथा रेगिस्तानी स्थानों, दर्रों,…
सितम्बर में जाते मानसून के साथ हमने मिलम की दूसरी यात्रा शुरू की थी. जिस दिन हम पैदल चलना शुरू…
मिलम, कहते हैं किसी समय अल्मोड़ा जिले के सबसे बड़े गांवों में एक गिना जाता था. यह इतना बड़ा था…
पहली बार जोहार की यात्रा के लिए जब कमल दा के साथ निकला था तो मुझे कत्तई पता न था…
छिपला के दक्षिणी ढाल में भैमण गुफा में सभी यात्री अँधेरे में ही जाग कर आगे की यात्रा के लिए…
कनार में भगवती कोकिला के मंदिर में रात बिताने के बाद हम भुप्पी के घर मेहमान बने. कल हमने उनके…