भोगीलाल जी से मिलूँ और कुछ कथनीय-पठनीय न बने, असम्भव है. कभी-कभी तो वो कथनीय-पठनीय अविश्वसनीय भी होता है. हालाँकि…
"क्या आपको मेरी आवाज़ आ रही है? क्या मैं दिखाई दे रहा हूँ?” गुरुजी ने कहा. "आवाज़ तो आय रई…
फिर वही! क्या स्वतंत्रता का अधिकार बस नाम के लिये दिया गया है संविधान में? शुरू किया नहीं कि टोका-टाकी…
पश्चिम ने हमें आधुनिकता और विकास की एक बढ़कर एक अवधारणाएं दी, जिन्हें हमने अपने जीवन में उतारा और प्रगति…
कभी-कभी ज़िंदगी में अपने जैसे किसी अन्य व्यक्ति से मुलाकात हो जाये तो बड़ी कठिनाई उत्पन्न हो जाती है. आज…
“देख शेखू ये बात कुछ ठीक नहीं लग रई!” कार्यक्रम शुरु हुए आधा घण्टा हुआ था और मुझे शेखू दुबे…
प्रति,श्रीमान अड़ेमिन महोदयहाय हाय ग्रुपभट्स ऐप विषय: ग्रुप से रिमूव किये जाने बाबत निवेदन पत्र महोदय, विषय में सादर…
प्रश्न “पीएचडी का प्राप्य स्टॉकहोम सिंड्रोम है.” प्रियोस्की के इस कथन के प्रकाश में पीएचडी के विभिन्न चरणों की व्याख्या…
“अरी ऐ री आली!” “हाँ, सखी बोल!” “आली…” “सखी तू किंचित सी चिंतित प्रतीत होती है.” “किंचित नहीं आली, अत्यंत.…
चटोरी न्यूज़ पर आज सभी पार्टियों की महिला नेता उपस्थित थीं. बहस राजनैतिक थी और सार्वजनिक भी. न्यूज़ चैनल की…