कॉलम

मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दास्तान

यह विचित्र किस्म का नाम एक ही व्यक्ति का है, जिसमें एक साथ तीन रिश्तों के संबोधन पिरोए गए हैं.…

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हनुमान चौराहे का प्रेमालाप

ग्वालियर शहर की एक पुरानी सड़क, जिसका नाम नई सड़क था, के एक प्रसिद्ध चौराहे पर वो उसका इंतज़ार कर…

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छछिया या छ्छेड़ो उर्फ़ छसिया: उत्तराखण्ड का पारंपरिक व्यंजन

छछिया का हिंदी अर्थ होता है एक बर्तन जिसमें मट्ठा रखा जाता है. लेकिन उत्तराखण्ड में यह एक अर्धतरल व्यंजन…

6 years ago

अनजाने संपेरे, नट और जादूगर

कहो देबी, कथा कहो – 36 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 35 “कहो देबी, कहां चले गए थे?…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 131

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

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जब संजु वडके की अफसरों के बच्चों वाली साइकिल मैंने डोट्याल की टांगों के बीच घुसाई

पहाड़ और मेरा जीवन – 23 जैसा कि मैंने पिछली किस्त में आपको अपने दोस्त संजु वडके के बारे में…

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सामूहिकता की मिसाल है पहाड़ी शादी

शहर में जहां विवाह जैसे कार्यक्रम महज एक औपचारिकता बनते जा रहे हैं. चंद घंटों में एक वैवाहिक समारोह पर…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 130

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

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साथ चलती हुई चीजें : वे तखत, जड़ें और जैकेट

ललछोंह लकड़ी की इस टीवी ट्रॉली और किताबों की इन दो छुटकी रैकों को जब भी देखता हूं तो राजपुरा,…

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कुंदन शाह की कालजयी कॉमेडी फिल्म: जाने भी दो यारो

कुंदन शाह निर्देशित और एनएफडीसी निर्मित, यह फिल्म भ्रष्टाचार पर सीधी चोट करती है. सिस्टम, बिजनेसमैन और मीडिया के गठजोड़…

6 years ago