मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से धारा-370 हटाने के बाद सोशल मीडिया में ढेरों चुटकुलों की बाढ़ आ गयी. जिस बात…
सुन लो हे मेरे चटोरे पाठको. हम न तो गोरे अंग्रेजों की तरह हैं,जो पूरी जिंदगी वो पास्ता-वास्ता, पिज्जा-विज्जा, टोस्ट-पोस्ट…
पहाड़ और मेरा जीवन -44 पिछली क़िस्त : पहाड़ों में पैदल चलने के बिना जिंदगी का जायका ही क्या जो…
विजया अर्थात संस्कृत में भंगा, मदकारिणी, मादनी, बंगाली में सिद्धि भांग, फ़ारसी में कनब, बंग,अरबी में किन्नाब व मराठी, गुजराती…
उनके बड़े भाई बताते थे कि आभास को बचपन में बड़ी बुरी चोट लग गयी थी पैर में.घाव से बेइंतहा…
ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े… ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े तुझपे सवार है जो, मेरा सुहाग…
युधिष्ठिर सरोवर में लोटा डुबाने ही वाले थे कि बगुला रूपी यक्ष प्रकट हुए और अपनी चिर-परिचित प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की. …
1940 के दशक में पिथौरागढ़ कस्बे और इसके आस-पास सड़क नहीं थी. इस इलाके के दूरदराज तक के गाँव संकरी…
हाँ, सौंणन में खूब रेलमपेल रहने वाली ठेरी फीर. वो मंदिर से यहाँ कुबेर जी के मंदिर तक दिनमान भर नब्बे-सौ चक्कर…
उत्तराखंड में महिलाओं के आभूषण किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं. इन्हीं आभूषणों में एक नाक की नथ या…