सुन्दर चन्द ठाकुर

सिकंदर की तृष्णा और दार्शनिक फकीर डायोजनीज

सिकंदर यानी अलेक्जेंडर तृतीय के बारे में तो हम सबने सुना ही है कि वह मेसीडोनिया यानी मकदूनिया, जो कि…

5 years ago

बबूल बोओगे, तो आम कहां से खाओगे

जिन लोगों ने भौतिक विज्ञान पढ़ा है, वे न्यूटन के गति के तीसरे नियम से अवश्य परिचित होंगे. तीसरा नियम…

5 years ago

दुखी रहना कहीं आपकी आदत तो नहीं बन गया है

 थोड़ा-सा अटपटा तो लग सकता है, पर सच यही है कि हम अपनी मर्जी से ही दुखी होते हैं. कोई…

5 years ago

मैं पहाड़ों को जन्म से जानता हूं, अपने पिता की तरह

सुन्दर चन्द ठाकुर के कॉलम पहाड़ और मेरा जीवन – अंतिम क़िस्त (पिछली क़िस्त:  मैं बना चौबीस रोटियों का डिनर…

5 years ago

मैं बना चौबीस रोटियों का डिनर करने वाला भिंडी पहलवान

पहाड़ और मेरा जीवन – 66 (पिछली क़िस्त: और यूं एक-एक कर बुराइयां मुझे बाहुपाश में लेती गईं जिम शब्द का…

5 years ago

और यूं एक-एक कर बुराइयां मुझे बाहुपाश में लेती गईं

पहाड़ और मेरा जीवन – 66 (पिछली क़िस्त: वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर…

5 years ago

वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आना

पहाड़ और मेरा जीवन – 65 (पिछली क़िस्त: वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना तेरी बज्म…

5 years ago

वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना

पहाड़ और मेरा जीवन – 64 (पिछली क़िस्त:  सुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफ )…

5 years ago

सुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफ

पहाड़ और मेरा जीवन – 63 (पिछली क़िस्त: और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव…

5 years ago

और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा

पहाड़ और मेरा जीवन – 62 (पिछली क़िस्त: और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा) मैंने…

5 years ago