सुधीर कुमार

जम्बू: उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दिव्य मसाला

भारतीय खान-पान की परंपरा में मसालों की महत्वपूर्ण भूमिका है. अपने खाने में मसालों के इस्तेमाल से भारतीय रसोई में…

6 years ago

एक चमत्कारी पौधा सिसूण, कनाली उर्फ़ बिच्छू घास

मेरे बचपन की सुनहरी यादों में से कई गर्मियों के सालाना प्रवास से जुड़ी हैं. उन दिनों सभी प्रवासियों के…

6 years ago

युवाओं को खोखला करता बेरोजगारी का घुन

23 साल का ताजा-ताजा ग्रेजुएट लड़का अक्सर मेरे पास आकर अक्सर बैठ जाया करता है. एक दिन वह काफी देर…

6 years ago

स्वाद और सेहत का संगम है गहत की दाल

पहाड़ के खाने में शरीर की जरूरत के लिए पर्याप्त ऊर्जा और पोषण के साथ-साथ मौसम का भी विशेष ध्यान…

6 years ago

बिना दूल्हे वाली बारात की भी परम्परा थी हमारे पहाड़ों में

अक्सर हमें अपने बड़े-बूढ़ों से सुनने को मिलता है कि एक ज़माने में सैनिकों या किसी अन्य वजह से घर…

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लोहारखेत गाँव से कुछ तस्वीरें

कुमाऊं मण्डल के बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील का एक गाँव है लोहारखेत. ये गाँव पिंडारी, कफनी और सुन्दरढूँगा ग्लेशियरों…

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मुक्तेश्वर से बर्फ़बारी की कुछ तस्वीरें

दिसंबर मध्य से हिमालय की निचली चोटियों पर बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है. दो-एक दफा होने वाली इस बर्फ़बारी…

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सीमांत गाँव वाण से कनोल के रास्ते की कुछ तस्वीरें

उत्तराखण्ड के चमोली जिले में वाण गाँव एक जाना-पहचाना नाम है. वाण से बेदिनी बुग्याल और रूपकुंड के लिए पैदल…

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दुनिया के आखिरी छोर पर बसे जातोली गाँव से कुछ तस्वीरें

सुन्दरदूँगा ग्लेशियर के रास्ते पर आखिरी दो गांवों में से एक है जातोली. यहाँ जाने के लिए पिंडारी ग्लेशियर के…

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झलतोला हिमालय का करीबी दोस्त है

पिथौरागढ़ के बेड़ीनाग कस्बे से एक गुमनाम गाँव झलतोला के लिए कच्ची-पक्की सड़क जाती है. इस सफ़र पर आगे बढ़ते…

6 years ago