कला साहित्य

आज अपने इकलौते ओरिजिनल लेखक इब्ने सफ़ी को याद करने का दिन है

भारत की आज़ादी के बाद की शुरुआती दो पीढ़ियों के लिए इब्ने सफ़ी एक नाम से कहीं बढ़ कर हैं.…

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फिर भी मैं करता हूँ प्यार

प्रेम - शमशेर बहादुर सिंह द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार रूप नहीं कुछ मेरे…

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अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिये हैं मुट्ठियाँ मजबूत…

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नैनीताल में नसीरुद्दीन शाह के शुरुआती दिन

देश के सर्वकालीन महानतम अभिनेताओं में से एक नसीरुद्दीन शाह ने अभी कुछ दिन पहले अपना जन्मदिन मनाया है. यह…

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अंगरेजों ने अल्मोड़े का नक्शा औरै और किया

कुमाऊँ के आदिकवि माने जाने वाले लोकरत्न गुमानी से का जन्म 1790 ई. माना गया है. गुमानी के पूर्वज पिथौरागढ़…

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निमक का है हरामी यह खुदा भेजा क्यों हिन्दुस्तां

गढ़वाल शैली की चित्रकला के प्रवर्तक महान चित्रकार और कवि मौलाराम (1743-1833) की कला बहुत लम्बे समय तक जनता के…

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पूरा अपना ही है देहरादून : राजेश सकलानी की कविता

देहरादून निवासी युवा कवि राजेश सकलानी के पिछले कविता संग्रह पुश्तों का बयान का में कवि और उसकी कविता के…

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शेरदा अनपढ़ की कविता – को छै तू

भुर भुर उज्याई जसी जाणि रत्तै ब्याण,भिकुवे सिकड़ी कसि ओढ़ी जै निसाण,खित्त कनैं हंसणऔर झऊ कनैं चाण,क्वाठन कुरकाती लगूंमुख क…

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उसकी प्रेम कविता में दरवाज़ा बन्द था, बन्द थे झरोखे

प्रेम कविता में दरवाजा - हेमंत कुकरेती उसने तय किया भूख मिट जाएवह प्रेम की कविता लिखेगाजिसमें प्रेम नामक शब्द…

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आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है

पहाड़ और मेरा जीवन – 40 पिछली कड़ी: भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और…

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