नोस्टालजिया का झरोखा तो सुकून देता ही है जनाब! चाहे वह कितना ही अभावों भरा क्यों न हो. लेकिन सच…
प्रकाश पुरोहित जयदीप द्वारा लिखा गया ये आलेख बहुत लोकप्रिय है. नब्बे के दशक में लिखे गये इस आलेख के…
मध्यकाल में लगभग शत-प्रतिशत पहाड़ कृषि खेतीबाड़ी पर ही जीवनयापन करता था. जीवन प्रकृति के समीप था, आचार व्यवहार हर…
वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखण्ड के विभिन्न जनान्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की शाम ऋषिकेश…
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन का फैसला एक तरफ जहां कारगर साबित हो…
देर रात तक ख्वाबों में भटकने वाली आँखें सुबह देर से ही उठने के रिवाज़ का शौक रखती हैं मगर…
अल्मोड़ा इंटर कालेज के प्रांगण में विवेकान्द की एक आदमकाय मूर्ति है. लगभग 70 के दशक में बनी इस मूर्ति…
ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और…
कोरोना या कोविड-19 वायरस के प्राकृतिक रूप से पैदा होने या उसके किसी प्रयोगशालामें विकसित हैने के विवाद के बीच…
ईको-टूरिज़्म का स्वप्नद्रष्टा यायावर-लेखक-चित्रकार था जयदीप यायावरी-घुमक्कड़ी का शौक़ कई लोगों को होता है और लेखन प्रतिभा सम्पन्न भी असंख्य…