समाज

हमारे बचपन में अभावों का भी बढ़ा भाव था

नोस्टालजिया का झरोखा तो सुकून देता ही है जनाब! चाहे वह कितना ही अभावों भरा क्यों न हो. लेकिन सच…

5 years ago

द्रोणागिरि के लोग आज भी क्यों भगवान हनुमान से नाराज हैं : तीस साल पुरानी रिपोर्ट

प्रकाश पुरोहित जयदीप द्वारा लिखा गया ये आलेख बहुत लोकप्रिय है. नब्बे के दशक में लिखे गये इस आलेख के…

5 years ago

चैतोल पर्व : लोकदेवता देवलसमेत द्वारा सोरघाटी के बाईस गांवों की यात्रा का वर्णन

मध्यकाल में लगभग शत-प्रतिशत पहाड़ कृषि खेतीबाड़ी पर ही जीवनयापन करता था. जीवन प्रकृति के समीप था, आचार व्यवहार हर…

5 years ago

जनसरोकारों की पत्रकारिता के एक स्तम्भ थे पुरुषोत्तम असनोड़ा : श्रद्धांजलि

वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखण्ड के विभिन्न जनान्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की शाम ऋषिकेश…

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लॉकडाउन के दौरान घरों में ज्यादा पीटी जा रही हैं महिलाएं

कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन का फैसला एक तरफ जहां कारगर साबित हो…

5 years ago

एक चिट्ठी कोरोना दौर के हवाले से

देर रात तक ख्वाबों में भटकने वाली आँखें सुबह देर से ही उठने के रिवाज़ का शौक रखती हैं मगर…

5 years ago

अल्मोड़ा के विख्यात चित्रकार नवीन वर्मा ‘बंजारा’ का निधन

अल्मोड़ा इंटर कालेज के प्रांगण में विवेकान्द की एक आदमकाय मूर्ति है. लगभग 70 के दशक में बनी इस मूर्ति…

5 years ago

आज होती सीमांत की अनोखी बिच्छू घास लगाने वाली बैशाखी

ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और…

5 years ago

क्या तराई में कभी जैविक हथियारों के लिए कच्चा माल तैयार किया गया था

कोरोना या कोविड-19 वायरस के प्राकृतिक रूप से पैदा होने या उसके किसी प्रयोगशालामें विकसित हैने के विवाद के बीच…

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यायावर-लेखक-चित्रकार जयदीप जिनकी प्रेरणा थी पहाड़ की घसेरियां

ईको-टूरिज़्म का स्वप्नद्रष्टा यायावर-लेखक-चित्रकार था जयदीप यायावरी-घुमक्कड़ी का शौक़ कई लोगों को होता है और लेखन प्रतिभा सम्पन्न भी असंख्य…

5 years ago