समाज

श्रीदेव सुमन : जिन्होंने राजशाही के खिलाफ़ 83 दिनों का अनशन किया

पूरे भारत में 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' का नारा बुलंद था देश की जनता के नेतृत्व में आज़ादी की अंतिम लड़ाई…

4 years ago

नैनीताल में सवर्णों ने दलित ग्राम प्रधान की गाड़ी पंचर की और दलितों का सामान नहीं उतरने दिया

नैनीताल जिले के विकास खण्ड ओखलकांडा के ग्राम भुमका में अनुसूचित जाति के ग्राम प्रधान को सवर्णों द्वारा दलित उत्पीड़न…

4 years ago

तिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जन आन्दोलनों का एक विस्तृत अध्ययन

1803 में गोरखाओं से पराजित होकर राज्य खो देने प्रद्युमन शाह की मृत्यु के बाद 1815 में अंग्रेजों की मदद…

4 years ago

धारचूला के तेनसिंह को सलाम जिसने भांडमजुवा बनने की बजाय खुद्दारी से जिया अपना जीवन

आज किसी भाई ने अपने फेसबुक पोस्ट में 'भांडमजुवा' शब्द का प्रयोग किया है. वही भांडमजुवे जो अपने गांवों से…

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रानीखेत की वादियों से रमजानी की ‘काफल ले लो’ की पुकार गुम हो गयी

काफल के समय काफल के नोस्टाल्जिया पर अक्सर बात होती ही है लेकिन इसी को सकारात्मक तरीके से देखें तो…

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पहाड़ में हर आम-ओ-ख़ास के कवि हैं शेरदा

शेरदा अनपढ़, उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी. फिर भी समाज…

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ठेठ पहाड़ी लोगों के सबसे लोकप्रिय कवि शेरदा : पुण्यतिथि विशेष

जो दिन अपैट बतूँछी, वी मैं हूँ पैट हौ.जकैं मैं सौरास बतूँछी, वी म्यर मैत हौमायाक मारगाँठ आज, आफी आफी…

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अल्मोड़ा में कठपुड़िया प्राइमरी पाठशाला के रतन मासाब जिनका तबादला गाँव वाले हमेशा रुकवा देते थे

मैं उन दिनों प्राइमरी पाठशाला कठपुड़िया में पड़ता था. स्कूल गया तो सीधे कक्षा दो में बैठ गया क्योंकि घनदा…

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मुक्तेश्वर में मनोज बाजपेयी से एक्सक्लूसिव बातचीत

अपने शानदार और मौलिक अभिनय से हिंदी सिनेमा में अपना लोहा मनवाने वाले मनोज बाजपेयी इन दिनों कुमाऊं के मुक्तेश्वर…

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नैनीताल के ओखलकांडा में दलित भोजन माता का बनाया खाना खाने से इनकार

कोरोना महामारी के दौर में भी उत्तराखण्ड के सवर्णों पर जातिवादी दंभ का नशा सर चढ़कर बोल रहा है. ताजा…

4 years ago