समाज

देघाट की फ़िज़ा में आज बारूद की ‘बू’ थी

1942 का साल था और तारीख आज की थी. चौकोट की तीनों पट्टियों की एक सभा देघाट में होनी थी.…

3 years ago

पांडवों की बिल्ली और कौरवों की मुर्गी कैसे बनी महाभारत का कारण: कुमाऊनी लोक साहित्य

कुमाऊं का यह दुर्भाग्य रहा है कि यहां का लोक साहित्य कभी सहेज कर ही नहीं रखा गया. इतिहास में…

3 years ago

कुमाऊं में दाह संस्कार का पारंपरिक तरीका

मृतक संस्कार में मृत्यु के समय गोदान और दशदान कराया जाता है. मरणासन्न व्यक्ति के मुख में तुलसीदल और गंगाजल…

3 years ago

बागेश्वर से भारतीय फुटबाल टीम का उभरता सितारा

बागेश्वर जिले के एक छोटे से गांव से निकले रोहित दानू की मेहनत का परिणाम है कि आज उन्हें भारतीय…

3 years ago

उत्तराखंड के युवाओं के आगे घोड़े थक जाते हैं

ओलंपिक गेम्स के साथ ही खिलाड़ियों की बदहाली पर चर्चा भी खत्म हो गई है. अगले ओलंपिक में खिलाड़ियों के…

3 years ago

ठेठ कुमाऊनी के कुछ शब्द और उनके अर्थ

पिछड़ेपन का एक सुखद पक्ष यह है कि जनजीवन की बोलचाल में ऐसी विशिष्ट शब्दावली का प्रयोग होता है जो…

3 years ago

कुमाऊं का स्वतंत्रता संग्राम

उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की प्रारंभिक शुरुआत 1857 के दौर में एक तरह से काली कुमाऊं (वर्तमान चम्पावत जनपद…

3 years ago

त्रेपन सिंह चौहान की पहली पुण्यतिथि है आज

मित्र, त्रेपन सिंह चौहान की छवि मेरे मन-मस्तिष्क में ‘विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार हावर्ड फास्ट के नायक ‘स्पार्टकस’ की तरह है…

3 years ago

हर्ष देव जोशी की वसीयत

हर्ष देव जोशी को कुमाऊं का चाणक्य कहा जाता है. हर्ष देव जोशी को कुमाऊं का ऐतिहासिक पुरुष तो सभी…

3 years ago

कुमाऊनी भाषा के विकास में ऐतिहासिक हो सकती है हरीश रावत और रेखा आर्य की बहस

वैसे तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत किसी न किसी कारण से खबरों में रहते हैं…

3 years ago