समाज

हज़ार छोड़िये सौ साल बचे रहना मुश्किल लगता है पृथ्वी का

अक्टूबर 2014 में हमारे समय के महानतम वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर स्टीफन हॉकिंग ने एक वार्ता में बहुत सरल शब्दों में हमारे…

6 years ago

गोपाल सिंह रमोला और उनके भट के डुबके

कुमाऊँ के की उर्वर सोमेश्वर घाटी में सोमेश्वर और बग्वालीपोखर के बीच एक जगह पड़ती है – लोद. इस छोटी…

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बिनसर में इटली का संत

लम्बे धवल केश और वैसी ही लम्बी धवल दाढ़ी वाले उस खूबसूरत अंगरेज़ को देखकर किसी को भी धोखा हो…

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कसारदेवी का मोहन्स – हौसला हो तो पहाड़ में रहकर क्या नहीं हो सकता

अल्मोड़ा से 6 किलोमीटर दूर एक छोटी सी जगह है कसारदेवी. पिछले पचास से भी अधिक सालों से कसारदेवी दुनिया…

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सोलहवीं सदी में बागेश्वर गए थे गुरु नानकदेव जी

उत्तराखण्ड में सिख सम्प्रदाय का प्रसार -1 सिख मत के साथ उत्तराखंड का संपर्क इसके प्रवर्तक गुरु नानकदेव जी के…

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आजादी का आन्दोलन और इबलीस की खंभा प्रेस

अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास कितना भी किया जाए, लोग रास्ता निकाल ही लेंगे. ऐसा अंग्रेजों के जमाने…

6 years ago

खाल का अर्थ अलग-अलग है कुमाऊं और गढ़वाल में

गढ़वाली बोली बोले जाने वाले इलाकों में 'खाल' शब्द का सम्बन्ध पहाड़ की चोटी के नज़दीक स्थित उस गहरे और…

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टीचर्स डे विशेष : लपूझन्ने की साइंस क्लास

अंग्रेज़ी की कक्षाएं बन्द हो गई थीं और उस पीरियड में सीनियर बच्चों को पढ़ाने वाले एक बहुत बूढ़े मास्साब…

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तीलू रौतेली की दास्तान: जन्मदिन विशेष

मध्यकाल में गढ़वाल के पूर्वी सीमान्त के गांवों पर कुमाऊं की पश्चिमी उपत्यकाओं पर बसे कैंतुरा (कत्यूरा) लोग निरंतर छापा…

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जब हल्द्वानी के जंगलों में कत्था बनाने की भट्टियां लगती थी

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी के कुछ पुराने परिवार] नरोत्तम शारदा पहाड़ से आने वाली बहुमूल्य जड़ी-बूटियों के कारोबारी हुआ करते थे.…

6 years ago