समाज

लच्छू कोठारी और उसके सात बेवकूफ बेटे

अभी पिछले दशक तक की बात थी जब कुमाऊं के स्कूलों में मास्टर बच्चे की मूर्खतापूर्ण हरकत पर ताना देकर…

6 years ago

जम्बू: उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दिव्य मसाला

भारतीय खान-पान की परंपरा में मसालों की महत्वपूर्ण भूमिका है. अपने खाने में मसालों के इस्तेमाल से भारतीय रसोई में…

6 years ago

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले

-रवीश कुमार दो साड़ी लेकर जाती थीं. रास्ते में कुछ लोग उन पर गोबर फेंक देते थे. गोबर फेंकने वाले…

6 years ago

डाक टिकट भी जारी हो चुका है हिमालय के इस वफादार-बहादुर कुत्ते पर

हिमालय के पहाड़ी इलाकों ख़ास तौर पर उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाई जाने वाली कुत्तों की सबसे विख्यात…

6 years ago

कितना जायज़ है भर्ती के नाम पर पहाड़ के युवा पर इल्जाम लगाना

आप उत्तराखण्ड के किसी भी इलाके में सैलानी बन कर भ्रमण के लिए निकले हों तो तय है कि आपको…

6 years ago

पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा…

6 years ago

स्वाद और सेहत का संगम है गहत की दाल

पहाड़ के खाने में शरीर की जरूरत के लिए पर्याप्त ऊर्जा और पोषण के साथ-साथ मौसम का भी विशेष ध्यान…

6 years ago

1857 के ग़दर में काली कुमाऊँ का स्वतंत्रता सेनानी

भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखण्ड की भी अपनी भूमिका रही. उत्तराखण्ड के काली कुमाऊँ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम…

6 years ago

चचा ग़ालिब के जन्मदिन पर उनकी हवेली से एक रपट

सुबह जब गली मीर क़ासिम जान पहुंचा तो उनकी हवेली, जिसे अब एक स्मारक में तब्दील कर दिया गया है,…

6 years ago

बिना दूल्हे वाली बारात की भी परम्परा थी हमारे पहाड़ों में

अक्सर हमें अपने बड़े-बूढ़ों से सुनने को मिलता है कि एक ज़माने में सैनिकों या किसी अन्य वजह से घर…

6 years ago