समाज

पहाड़ियों की मेहनत के प्रतीक घास के लूटे

बरसात के बाद मौसम में पहाड़ हरी लम्बी घास से लद जाते हैं. इस घास का प्रयोग यहां के लोग…

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उस ज़माने के अफ़सर ऐसे हुआ करते थे : कुमाऊं कमिश्नर पर्सी विंडहैम का किस्सा

वर्ष 1913 एक दिन, करीब 8 बजे जब मैं किच्छा में एक स्कूल का निरीक्षण कर रहा था, एक अध्यापक…

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120 साल पहले ऐसे जाते थे काठगोदाम-नैनीताल से अल्मोड़ा

सी. डब्लू. मरफी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊँ’ (1906) से आप अनेक दिलचस्प विवरण पढ़ चुके हैं.…

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केदारनाद की टोकरी से हरेले का गीत

पिछले कुछ सालों से उत्तराखण्ड के युवाओं द्वारा लोक संगीत को नए कलेवर में पेश करने का चलन देखने में…

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सरकार हरेला को उत्तराखंडी पर्यावरण दिवस बनाने को अग्रसर है

आज सरकार, समाज सभी हरेला को केवल पर्यावरण से जोड़ने की जुगत में लगे हैं. इसमें सभी के अपने फायदे…

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रैमजे ने शुरु कराई कुमाऊं में आलू की खेती

आलू-पालक, आलू-जीरा, आलू-टमाटर, आलू-मटर, दमा आलू और भी अनेकों ऐसी सब्ज़ियां हैं जो बिना आलू के अधूरी हैं. आज आलू…

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समय ने छीन ली बच्चों से बुजुर्गों की मीठी डांट और परीकथाएं

कहते हैं बुज़ुर्गों की डांट-फटकार बच्चों के लिए जीवन का सबब होती थी.मां की डांट को बच्चे नज़रअंदाज़ कर जाते…

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राजा कोकू रावत और हिरन के मांस की शौकीन रानी की लोककथा

बरसों पहले कोकूकोट में कोकू रावत नाम का एक राजा हुआ करता था. राजा कोकू की सात रानियां थी लेकिन…

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पौड़ी का कण्डोलिया ठाकुर मंदिर

माना जाता है कि चंद साम्राज्य की राजधानी चम्पावत से डुंगरियाल-नेगी जातियों से सम्बन्ध रखने वाले कुछ परिवार अपना मूल…

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गर्ब्यांग गाँव के कुछ शानदार फोटो – अनिरुद्ध गर्ब्याल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में अवस्थित सीमान्त व्यांस घाटी के पहले गाँव बूदी से गर्ब्यांग तक की…

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