समाज

भीमताल का भीमेश्वर महादेव मंदिर

भीमताल डाट में बस स्टेशन से 200 मीटर आगे उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर है. इसे भीमेश्वर मंदिर कहा जाता…

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पिथौरागढ़ में पुरानी बाजार और आजादी से पहले फुटबाल मैदान

1920 के दशक में पिथौरागढ़ की बाजार में केवल तीस-बत्तीस दुमंजिले मकान हुआ करते थे. इन घरों के निचली मंजिल…

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डीडीहाट के सौगांव की कहानी

हर गांव के बसने की एक कहानी होती है. उत्तराखंड में भी बहुत से ऐसे गांव हैं जो पिछले दस-एक…

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जागेश्वर में सावन मेला – जयमित्र सिंह बिष्ट के फोटो

2019 में जागेश्वर धाम में श्रावणी मेला 17 जुलाई को शुरु हुआ था. यह मेला सावन के पूरे महीने चलता…

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पहाड़ों में घोड़ा-खच्चर है एक रोजगार

उत्तराखंड में यहीं पर रहकर रोजगार ढूँढना कठिन काम है, कारण यहां पर मैदानी इलाकों की तरह खेती करना सहज…

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मित्ज्यु: कुमाऊं में दोस्ती की अनूठी परम्परा

पिछले दशक तक उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मित्ज्यु शब्द काफ़ी सुनने को मिलता था. मित्ज्यु का अर्थ होता है…

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1940 के दशक में पिथौरागढ़ की भवन निर्माण शैली

1940 के दशक में पिथौरागढ़ कस्बे और इसके आस-पास सड़क नहीं थी. इस इलाके के दूरदराज तक के गाँव संकरी…

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मध्य देशों से कुमाऊं-गढ़वाल के घरों में कैसे पहुंची नाक की नथुली

उत्तराखंड में महिलाओं के आभूषण किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं. इन्हीं आभूषणों में एक नाक की नथ या…

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लम्बी धोती और छोटी धोती के नखरे

जैसा की देश भर में होता है कुमाऊं में भी ब्राह्मणों के अंदर जातीय वरिष्ठता होती है. जिसे मोटे तौर…

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लकड़ी के शेड में तिरपाल डालकर शुरु हुआ था पिथौरागढ़ में सिनेमाघर

आप पिथौरागढ़ में केमू स्टेशन से नीचे सिनेमा लाइन की ओर बड़ रहे हैं और तभी पीछे से कोई हल्की…

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