परम्परा

इगास लोकपर्व को राजपत्र में स्थान मिलने के मायने

आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. इक्कीस साल के उत्तराखण्ड में, इसके किसी लोकपर्व को पहली बार राजपत्र में…

2 years ago

कुमाऊं की रामलीला पर ‘गिर्दा’ का एक महत्वपूर्ण लेख

कुमाऊॅं (उत्तराखण्ड) में प्रचलित रामलीला सम्भवतः संसार का एक मात्र ऐसा गीत नाट्य है जो ग्यारह दिनों तक लगातार क्रमशः…

3 years ago

सल्ट के हिनौला का प्राचीन इतिहास

ईजा का अपने मैत (मायके) से प्रेम होता ही है और मेरा मकोट (ननिहाल) से दो रुपये मिलने का लालच…

3 years ago

उत्तराखंड के रीति-रिवाज़ों पर भी पलायन की मार

पलायन के साथ-साथ रीति रिवाजों का पलायन भी जोर पकड़ रहा है. पहले अपनी क्षमता के अनुसार खेती करके, उसमें…

3 years ago

पहाड़ों में श्राद्ध के भोजन का अनोखा ही स्वाद होता था

पहले श्राद्ध का गांव में विशेष इन्तजार रहता था . सोलह सरादों में सभी घरों में सराद होता है और…

3 years ago

रूपकुंड के रहस्य से जुड़ी मां भगवती की कहानी

कन्नौज के राजा और उसके राज्य पर देवी भगवती का कोप था. अच्छा धान बोने पर सोला उगता. लोग जब…

3 years ago

अल्मोड़ा में नंदा देवी के डोले की तस्वीरें

कल अल्मोड़ा में नंदा देवी के डोले की तस्वीरें, नंदा देवी मंदिर से शुरू होकर लाला बाज़ार, ड्योडी पोखर, कचहरी…

3 years ago

पिथौरागढ़ जिले से सातों-आठों पर्व की तस्वीरें

कुमाऊं के बहुत से क्षेत्रों में सातों-आठों सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. सातों-आठों कुमाऊं का एक ऐसा लोकपर्व है जिसमें स्थानीय लोग मां…

3 years ago

पांडवों की बिल्ली और कौरवों की मुर्गी कैसे बनी महाभारत का कारण: कुमाऊनी लोक साहित्य

कुमाऊं का यह दुर्भाग्य रहा है कि यहां का लोक साहित्य कभी सहेज कर ही नहीं रखा गया. इतिहास में…

3 years ago

कुमाऊं में दाह संस्कार का पारंपरिक तरीका

मृतक संस्कार में मृत्यु के समय गोदान और दशदान कराया जाता है. मरणासन्न व्यक्ति के मुख में तुलसीदल और गंगाजल…

3 years ago