परम्परा

उत्तरांचल के लोकगीतों में नन्दा : बृजेन्द्र लाल शाह का एक महत्वपूर्ण लेख

अल्मोड़ा में ग्रीष्म की पीली उदास धुधलाई सन्ध्या की इस वेला में, मैं एकाकी बैठा कसार देवी के शिखर पर…

4 years ago

पहाड़ों में सातों-आठों की बहार आ गयी है

भादों की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कुमाऊं और नेपाल में हर्षोल्लास और श्रृद्धा भक्ति से भरा प्रकृति को समर्पित,…

4 years ago

सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े

कुमाऊं में आज से लोकपर्व सातों-आठों की आगाज़ है. कुमाऊं में सबसे उल्लास से बनाये जाने वालों लोक्पर्वों में सातों-आठों एक महत्त्वपूर्ण…

4 years ago

कल है पहाड़ियों का लोकपर्व घ्यूं त्यार

कुमाऊं में भादों मास की संक्रांति घ्यूँ त्यार मनाया जाता है. इसे 'ओलकिया' या 'ओलगी' संक्रान्त भी कहते हैं. इस…

4 years ago

लोक में रचे बसे रंग और पहाड़ की कलाकारी

पहाड़ में अपनी भावनाओं को रेखाओं, आकृतियों का रूप दे उनमें रंग भर जीवंत कर देना हर घर-आँगन, देली-गोठ और…

4 years ago

जोजोड़ा : जौनसार-बावर की अनूठी विवाह प्रणाली

मेरी पैदाइश और परवरिश कई छोटे कस्बों एवं नगरों में हुई है, इसके बावजूद मेरा अपने पैतृक स्थान से अलग…

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ढांटा ब्या : उत्तराखण्ड में पूर्वप्रचलित सामाजिक मान्यता प्राप्त विवाह

ढांटा ब्या उत्तराखण्ड के खशों में प्रचलित तथा सामाजिक मान्यता प्राप्त निरनुष्ठानिक विवाह का एक प्रकार था. इसमें कोई सधवा…

4 years ago

महादेव के वीर गण लटेश्वर का मंदिर

थलकेदार से लगभग 2500 फीट की ढलान पर दुर्गम मार्ग को पार कर लटेश्वर नामक मंदिर आता है. यहाँ पर…

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सावन के महीने देवता कैलाश में जुआ या अन्य बाजियां लगाते हैं : सीमांत की अनूठी मान्यता

सावन का महीना और आप यदि सीमांत के किसी गाँव मे जाते हैं तो हर घर में एक ही चीज…

4 years ago

हरेला पर हो हल्ला नहीं, रोपें संस्कारों के बीज

जी रया, जाग रया, यो दिन यो मासन भेटनै रया ... सिर पर हरेला (हरे तिनके) रखते हुए इन आशीर्वाद…

4 years ago