इतिहास

सोलहवीं सदी में बागेश्वर गए थे गुरु नानकदेव जी

उत्तराखण्ड में सिख सम्प्रदाय का प्रसार -1 सिख मत के साथ उत्तराखंड का संपर्क इसके प्रवर्तक गुरु नानकदेव जी के…

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जब हल्द्वानी के जंगलों में कत्था बनाने की भट्टियां लगती थी

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी के कुछ पुराने परिवार] नरोत्तम शारदा पहाड़ से आने वाली बहुमूल्य जड़ी-बूटियों के कारोबारी हुआ करते थे.…

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कुमाऊं का बारदोली था सल्ट का खुमाड़

कुलीबेगार से पहले कुमाऊं में सामाजिक हलचल: वर्ष 1942 में खुमाड़ सल्ट तथा सालम में जिस विद्रोह का प्रस्फुटन हुआ,…

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2 सितम्बर का मसूरी गोली काण्ड : राज्य आंदोलनकारियों के खिलाफ़ एक सुनियोजित घटना

खटीमा के बाद बारी थी मसूरी की. 1 सितंबर 1994 की शाम को मसूरी झूलाघर स्थित नगरपालिका के पास के…

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सिकुड़ते गॉंव, दरकते घर, ख़बर नहीं, कोई खोज नहीं

यह आलेख हमें हमारे पाठक कमलेश जोशी ने भेजा है. यदि आप के पास भी ऐसा कुछ बताने को हो…

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राज्य आन्दोलनकारियों का मनोबल तोड़ने की पहली कोशिश थी खटीमा गोली काण्ड

1994  के बाद उत्तराखंड आन्दोलन में जबरदस्त जनउभार देखने को मिला. 1 सितंबर 1994 को खटीमा में करीब दस हजार…

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मौजूदा दौर में मौजूं एक किताब की समीक्षा : ‘न्यूरेमबर्ग मुकदमा-एक रिपोर्ट’

- मनमीत  उत्तराखंड के मौजूदा जुझारू युवा पत्रकारों में मनमीत एक हैं. देहरादून में एक दैनिक अख़बार में नौकरी करते…

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साबुन का इतिहास

सत्तर के दशक तक भारत में साबुन नाम की बला सामान्य व्यक्ति के जीवन में लगभग नहीं के बराबर हुआ…

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1942 की सालम जन क्रांति की याद

प्रमोद साह हल्द्वानी में रहने वाले प्रमोद साह वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं. एक सजग और प्रखर वक्ता…

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भारत छोड़ो आंदोलन और कुमाऊं के वीर

9 अगस्त 1942 को सूरज की पहली किरण से पहले ही आपरेशन 'जीरो आवर' के तहत देश भर में कांग्रेस…

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