इतिहास

टोपी पहना दी जाती है तो कभी पहननी पड़ जाती है

टोपी का भी अपना इतिहास है. क्षेत्र व समुदाय से लेकर अपनी अलग पहचान बनाने के लिए भी टोपी पहनने…

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उत्तराखण्ड का इतिहास भाग- 2

प्रागैतिहासिक काल- गढ़वाल और कुमाऊँ की पहाड़ियों और उनके तलहटी क्षेत्रों में प्रागैतिहासिक काल के संबंध में अभी तक अधिक…

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जयानन्द भारती ने 6 सितम्बर को पौड़ी दरबार में लगाया था ‘गो बैक मैलकम हेली’ का नारा

सविनय अवज्ञा आन्दोनल के दूसरे दौर से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका था. नेताओं और…

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उत्तराखंड की काल कोठरी त्रासदी

उत्तराखण्ड में अनेक स्थानों पर सविनय अवज्ञा आन्दोलन 'जंगलात आन्दोलन' का रूप ले चुका था. पिथौरागढ़, लोहाघाट, चंपावत में जंगल…

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अल्मोड़े का झंडा सत्याग्रह

1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप था. उत्तराखंड में भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन के विभिन्न…

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महात्मा गाँधी का कौसानी प्रवास

भारत की आजादी के आन्दोलन में उत्तराखण्ड के कुमाऊं का स्वर्णिम योगदान रहा है. 1921 के कुली बेगार जैसे आन्दोलनों…

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नमक सत्याग्रह और नैनीताल

12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती से डांडी यात्रा प्रारंभ कर दी. डांडी यात्रा में उत्तराखंड से तीन…

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बिनसर में इटली का संत

लम्बे धवल केश और वैसी ही लम्बी धवल दाढ़ी वाले उस खूबसूरत अंगरेज़ को देखकर किसी को भी धोखा हो…

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सोलहवीं सदी में बागेश्वर गए थे गुरु नानकदेव जी

उत्तराखण्ड में सिख सम्प्रदाय का प्रसार -1 सिख मत के साथ उत्तराखंड का संपर्क इसके प्रवर्तक गुरु नानकदेव जी के…

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जब हल्द्वानी के जंगलों में कत्था बनाने की भट्टियां लगती थी

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी के कुछ पुराने परिवार] नरोत्तम शारदा पहाड़ से आने वाली बहुमूल्य जड़ी-बूटियों के कारोबारी हुआ करते थे.…

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