1857 की क्रान्ति तक कुमाऊँ में गार्डनर, ट्रेल, गोवन, लुशिंगटन और बैटन के नेतृत्व में ब्रिटिश कंपनी के शासन को…
आज उत्तराखण्ड की प्रमुख मण्डी के रूप में हल्द्वानी स्थापित है. पूर्व में यहां मण्डी का कारोबार मंगल पड़ाव, मीरा…
साठ के दशक से पूर्व नगर में एक फकीर घूमा करता था, नाम था उसका किशना पागल. वह अपनी मर्जी…
भारत के भावी संवैधानिक स्वरूप पर रिपोर्ट हेतु 1927 में ब्रिटिश सरकार ने साइमन कमीशन की नियुक्ति की थी. इस…
लोहवन के ही रहने वाले दाऊदयाल गुप्ता उनके बेटे विष्णु और सतीश चाट का ठेला लगाते थे. दाऊदयाल पेठा बेचते…
1860 के करीब पटवा बिरादी ने रामपुर से आकर हल्द्वानी में कारोबार शुरू किया था. तब पैंठ पड़ाव में सड़के…
करीब सवा सौ साल पूर्व अपने मूल स्थान जिला सीकर राजस्थान के ग्राम कांवट निकट नीम का थाना से रानीखेत…
सन 1900 के करीब अलीगढ़ के गांव काजमाबाद से रामचन्द्र जी भी यहां आये और साझे में हलवाई की दुकान…
उत्तराखंड का इतिहास भाग – 8 गंगा और रामगंगा तक फैली भाबर की उत्तरी सीमा पर फैली शिवालिक की निचली…
इस परिवार की दूसरी फर्म जवाहरलाल जगन्नाथ प्रसाद नाम से बनी, जिसमें मिश्री गट्टा, बूरा का कार्य होता था. सदर…