गीत

चांचड़ी: उत्तराखंडी लोकसंस्कृति की रीढ़

मनुष्य का समभाव होना बुद्धत्व को प्राप्त कर लेना है. निर्वाण प्राप्त करना है, जिसमें जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा, महिला-पुरुष छोटा-बड़ा…

4 years ago

कुमाऊनी लोकगीतों के चैम्पियन चम्पावत के बीके सामंत

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पहाड़ को छोड़कर भी पहाड़ को नहीं भूलते हैं, उन्हीं में से एक है…

5 years ago

खुदेड़ : नराई से जन्मा पहाड़ी लोकगीत

करीब दस एक साल पहले तक गढ़वाल के गांवों में मोछंग की धुन के साथ दर्द भरी आवाज में गीत…

5 years ago

झोड़ा : प्रेम और श्रृंगार से भरा नृत्यगान

अल्मोड़ा-रानीखेत-सोमेश्वर-द्वाराहाट क्षेत्र में झोड़ा एक लोकप्रिय नृत्यगान शैली है. झोड़ा चांचरी का ही परवर्ती रूप लगता है. झोड़ा हिंदी के…

5 years ago

पिथौरागढ़ की सौर्याली और काली पार डोटी अंचल की साझी झलक है कबूतरी देवी के गीतों में

कबूतरी देवी का उत्तराखण्ड और हिमालयी इलाके के लोक संगीत में एक बहुत बड़ा नाम रहा है. मधुर और खनकती…

5 years ago

आज उत्तराखण्ड की लोकगायिका कबूतरी देवी की पुण्यतिथि है

कबूतरी देवी - (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के…

5 years ago

‘न्यौली’ के बिना अधूरा है उत्तराखंड का लोकगीत

उत्तराखंड में जब भी लोकगीतों की बात होती है तो न्यौली अपना एक विशेष महत्व रखती है. न्यौली को न्योली…

5 years ago

गीत आपने सुना होगा आज जानिये कहाँ है घाम वाला असल छाना बिलौरी

झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी लागला बिलौरी का घामा हाथे कि कुटली हाथे में रौली नाके की नथुली नाके में…

5 years ago

पुण्यतिथि विशेष: पप्पू कार्की हमेशा याद आएंगे

प्रवेन्द्र सिंह कार्की उर्फ़ पप्पू कार्की (30 जून 1984-9 जून 2018) आज ही के दिन एक साल पहले सड़क दुर्घटना…

5 years ago

एक था फ्रेडी मरकरी

आज से सत्ताईस साल पहले आज ही के दिन यानी ईस्टर, 20 अप्रैल 1992 को लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में…

5 years ago