भारत सरकार ने 1994 में उनकी फोटू वाला एक डाक टिकट जारी किया और नामकरण किये जाने से छूट गईं…
आज सुबह आते-जाते दो-तीन बार उस पर नजर पड़ी. बुरी तरह भीगा हुआ था और जुगाली भी नहीं कर रहा…
शायदा चंडीगढ़ में रहने वाली पत्रकार शायदा का गद्य लम्बे समय से इंटरनेट पर हलचल मचाता रहा है. इस दशक…
उन्हें इस देश की सड़कें नापसंद हैं. वो ज्यादातर सफर हवाई जहाज से करते हैं और हो सके तो हवाई…
साहिर लुधियानवी ने लिखा था - “ये बस्ती है मुर्दापरस्तों की बस्ती”. ताज़िन्दगी आदमी इस मुगालते में जीता है कि…
रूद्रप्रयाग जा रही रोडवेज की खटारा बस की सीट के नीचे बैग रख रहा था कि कातर भाव से आकाश…
आम तो बस आम है. इसका कोई जवाब नहीं. खास ही नहीं, आम आदमी का भी मनपसंद फल. देश भर…