डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
भारतीय खान-पान की परंपरा में मसालों की महत्वपूर्ण भूमिका है. अपने खाने में मसालों के इस्तेमाल से भारतीय रसोई में…
कहो देबी, कथा कहो – 26 पिछली कड़ी:कहो देबी, कथा कहो – 25, देबी के बाज्यू आये पंतनगर अनुशासन प्रिय…
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
पिछले एक सप्ताह से उत्तराखंड राज्य सरकार स्कूलों में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है.…
दिल्ली में रहते हुए सुदूर पहाड़ के गाँव के रिश्तेदारों को निभाना एक दुरुह काम है. सगे संबंधी हमेशा इस…
-रवीश कुमार दो साड़ी लेकर जाती थीं. रास्ते में कुछ लोग उन पर गोबर फेंक देते थे. गोबर फेंकने वाले…
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…
रामी बौराणी की कथा उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल की एक बहुप्रचलित लोककथा है. रामी का पति बीरू सेना में है.…
साधो हम बासी उस देस के – 8 -ब्रजभूषण पाण्डेय (पिछली कड़ी : बावन सेज, तिरसठ आँगन, सत्तर ग्वालिन लूट…