इन दिनों पहाड़ों में धान की रोपाई चल रही है. मानसून के आगमन में हुई देर के बावजूद कुमाऊँ-गढ़वाल के…
शरद में पीले पड़े पत्तों वाला खूबसूरत लैंडस्केप नहीं यह भरपूर बरसातों वाली जुलाई में बिनसर के जंगल की कल…
चैंस कह लो, चैंसा या फिर चैंसू. नाम अलग-अलग अंचलों में कुछ फर्क के साथ अलग हों, लेकिन इसका स्वाद…
तेज गर्मी हो रही है. सलमान खान अकेला धूप में पहाड़ के खंडर हो चुके एक गांव में झुलसता हुआ…
पहाड़ और मेरा जीवन – 40 पिछली कड़ी: भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और…
आज विश्वास करना मुश्किल होता है कि जनार्दन बाबू कभी ऐसे न थे जैसे अब हो गए हैं. लगभग सालभर…
उत्तराखंड का परम्परागत परिधान आदर्शतः वहां के वासिंदों की जीवन शैली के साथ ही वहां की प्रजातीय समुदाय की विशिष्ट…
भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट को बहुत ऊँचा दर्जा हासिल है. 83 के वर्ल्ड कप के बाद तो यहाँ क्रिकेट का…
जल स्रोत और हरियाली, कुदरत की ऐसी नियामते हैं जो आँखों को सुकून देती हैं और मन को खुशी. पेड़-…
जन्मान्ध हरदा सूरदास गाते हुए जब-जब भावावेश के चरम पर पहुँचते थे, सफ़ेद पड़ चुकी पुतलियों वाली उनकी ज्योतिहीन आँखों…