कॉलम

अल्मोड़ा का सामूहिक संध्यावंदन और विदेशी लाल परी

कॉटेज नंबर सी 09,  जिसमें अल्मोड़ा के आरंभिक दिनों में प्रवास का मौका मिला था,  के अगल-बगल,  आगे-पीछे की तरफ…

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फ्रेंड ऑफ विंटर कहा जाने वाला चीड़ जंगलों का दुश्मन कैसे बना

उत्तराखण्ड देवभूमि में लगभग 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक चिर पाइन यानी भारतीय चीड़ के जंगल मिल जाएंगे, ऊंचे-ऊंचे…

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पहाड़ी जाड़े की सौग़ात: सना हुआ नींबू

पहाड़ी नींबू करीब करीब बड़े दशहरी आम जितने बड़े होते हैं. माल्टा मुसम्मी और संतरे के बीच का एक बेहद…

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जब हल्द्वानी में पहली बार आई बिजली

1949-50 से पहले हल्द्वानी में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिये अधिकतर जगहों पर कैरोसिन तेल के लैम्प जलाये जाते थे.…

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गुमदेश के मेरे पुरखों के किस्से

गुमदेश के मेरे पुरखों के किस्से --बटरोही मेरा जन्म अल्मोड़ा जिले की मल्ला सालम पट्टी के छानागाँव में हुआ था.…

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धैर्य की परीक्षा देते पिथौरागढ़ के युवा छात्र

एक लम्बे समय तक मेरे लिए पिथौरागढ़ छात्र संघ का मतलब शरदोत्सव में बिना पैसों के झुले में प्रबंध करने…

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अपने कंधों पर पहाड़ ढोती महिलाएं: कमल जोशी की तस्वीरें

उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफर में एक नाम कमल जोशी है. कमल जोशी ने जीवन भर कुमाऊं गढ़वाल के पहाड़ों…

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रोपणी के खेत से जीतू को हर ले गयी आंछरियां

इन दिनों पहाड़ के गांवों के खेतों में रोपाई अर्थात रोपणी की जा रही है. अषाढ़ के महीने की छः…

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शकुनि व फड़का नदी के संगम पर बना कपिलेश्वर महादेव मंदिर

दोपहर का समय होगा जब अचानक ही मेरा प्लान कपिलेश्वर महादेव के मंदिर जाने का बन गया और मैं निकल…

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एक दुनिया जो रोज़ बनती है उसके कवि का जन्मदिन है आज

अब जब कविता के रूप, उसके प्रतिपाद्य, उसकी भाषा से ज़्यादा उसके होने, न होने पर ही चौतरफा हमले हैं,…

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