कॉलम

पहाड़ी वनस्पतियों से बनने वाले तेल

च्यूरे से घी बनता तो इसके फल खाये जाते. इसके घी में रसेदार सब्जी बड़ी स्वाद बनती. इसे टपकी और…

5 years ago

सच्चा प्रेम करोगे तो हिंसक होने से बच सकोगे

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 43  (Column by Gayatree arya 43) पिछली किस्त का लिंक: बड़े होने…

5 years ago

अनगितन सीढ़ियों वाले इस घुमावदार खड़े रास्ते के बाद छियालेख का मखमली बुग्याल

लगभग 2018 मीटर की ऊंचाई पर आज की रात हम मालपा में थे. 17 अगस्त 1998 की दुर्भाग्यशाली रात इस…

5 years ago

युवा मन का शेर ‘शमशेर’ : जन्मदिन विशेष

‘आज शाम ठीक 4 बजे चौघानपाटा में… के खिलाफ आम जन की आवाज बुलंद करने के लिए शमशेर बिष्ट एवं…

5 years ago

अंगरियाल का डंक हो या पुठ पीड़ सभी का रामबाण इलाज हुआ पहाड़ में

जाड़ों में बदन को चुस्त, गरम रखने के लिए कई चीजें खाई जाती. ये निरोगी भी बनाये रखतीं. आस पास…

5 years ago

कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

सबकुछ सायास है वैधानिक गल्प में. उसके इस तरह से होने पर बहस होनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर किसी घटना,…

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मैं बना चौबीस रोटियों का डिनर करने वाला भिंडी पहलवान

पहाड़ और मेरा जीवन – 66 (पिछली क़िस्त: और यूं एक-एक कर बुराइयां मुझे बाहुपाश में लेती गईं जिम शब्द का…

5 years ago

सैंणी के दबाव में किशनी शहर में किरायेदार बन गया

किशनी बचपन से होशियार चालाक बच्चा था, गांव वाले बचु  पदान को कहते भगवान किसी को औलाद दे तो किशनी…

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बचपन में गौरेया हमारे जीवन में रची-बसी थी

देहरादून में घर के पीछे दीवार पर जो लकड़ी के घोसले मैंने टाँगे थे उनमें गौरेयों ने रहना स्वीकार कर…

5 years ago

जिन चट्टानों को देख कमजोर दिल सहम जाते हैं वहां पहाड़ की महिलायें घास काटती हैं

घटियाबगड़ में कुछ दुकानें दिखाई दी थीं. इनमें जरूरत भर का सामान भी मौजूद था. यहां गांवों में बनने वाली…

5 years ago