स्वकीया प्रेम की सुखान्त चैती गाथा है जसी गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले चैती गाथा गीतों…
शाम को टहलते हुए सोच रहा था कवि ने ऐसा क्यों कहा - अरुण यह मधुमय देश हमारा? वह कह…
देहरादून में रहे हर आदमी को चकराता रोड पर बनी एक पुरानी बिल्डिंग याद होगी जिसपर हमेशा नई फिल्म का…
सब ओर प्रकृति में हरियाली सज जाती है. नई कोंपलों में फूल खिलने लगते हैं. चैत मास लग चुका है.…
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 49 (Column by Gayatree arya 49) पिछली किस्त का लिंक: लेबर पेन के…
सीन वन: सलामी आज से तकरीबन पच्चीस बरस पहले का होगा ये वाक़िया. गर्मियों के दिन थे और अपने बड़े…
मैं उनसे पहली बार आज से ठीक 58 वर्ष पूर्व मार्च 1962 में मिला था. मैंने वहां लीलावती पंत इंटर…
जिन्होंने ‘लोकतांत्रिक’ विश्वविद्यालयों या महाविद्यालयों में रत्ती भर भी पढ़ाई की है, वे छात्र राजनीति में ‘नाम’ के महत्व से…
11 मार्च बुधवार को विधि विधान के साथ टनकपुर में ठुलीगाढ़ प्रवेश द्वार में स्थित माँ पूर्णागिरि धाम के कपाट…
होली आने वाली है ये सोचकर ही इस साल मन में काफी उत्साह था क्योंकि बचपन की होली की तस्वीर…