कॉलम

एक लड़की और उसका पति जो सर्प था – कुमाऊनी लोककथा

एक बार एक आदमी की एक पत्नी थी. आदमी उससे नाराज था. उसने खुद से कहा, “अगर मैं एक पत्थर…

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हर पल संतुलन का नाम है जिंदगी

जीवन हाथों में डंडा पकड़े रस्सी पर संतुलन बनाकर चल रहे नट जैसा है. जैसे रस्सी पर चलते रहने के…

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प्रेत और उसका बेटा – कुमाऊनी लोककथा

बहुत समय पहले की बात है. एक आदमी की मृत्यु हो गयी. उसका 10-12 साल का एक ही बेटा था.…

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तस्मै श्री गुरुवे नमः – गुरु पूर्णिमा पर विशेष

द्रोणाचार्य पहले राजकीय शिक्षक थे. भीष्म पितामह द्वारा नियुक्त. उनसे पहले भी कुछ रहे होंगे पर उनका स्टेटस कैबिनेट दर्जे…

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इस तरह काठगोदाम से मायावती आश्रम पहुंचे स्वामी विवेकानंद : पुण्यतिथि विशेष

26 दिसम्बर 1900 के पत्र में स्वामी विवेकानन्द कु. मैकलिआड को लिखते हैं - "कल मैं पहाड़ की ओर प्रस्थान…

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फौजी बेटे के लिए आमा की बेचैनी और प्यार

आज संचार क्रांति ने दूरियों को बहुत कम कर दिया है. सिर्फ नंबर डायल कीजिये और हजारों किलोमीटर दूर बैठे…

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कका-काखी वाली मिठास अंकल-आंटी में नहीं आ सकती

भाषा एक ऐसा माध्‍यम है जिसके द्वारा हम किसी व्‍यक्ति के बारे में जान सकते हैं, उसे समझ सकते हैं,…

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देवीधुरा का पान और नेता बहादुर – सच्ची घटना पर आधारित उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी

वो मरने ही आया था यहाँ. देवीधुरा पहाड़ की चोटी पर बना ग्राम देवता का वह मंदिर अब खंडहर में…

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मूसा सौन और पंचू ठग की कुमाऊनी लोककथा

बहुत समय पहले बमौरा नाम का एक गाँव था जहाँ के निवासी बहुत संपन्न थे. उस गाँव के पड़ोस में…

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ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद

बढ़ती उम्र के साथ पहाड़ में अकेले न रह पाने की विवशता के कारण गोविंदी हल्द्वानी आकर मकानों के जंगल…

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