कॉलम

ख्वाड़: ईजा द्वारा अपने बच्चे के लिये बनाई जाने वाली एक दुनिया

महिलायें पहाड़ में जीवन की रीढ़ हैं. महिलायें न होती तो पहाड़ दशकों पहले बंजर हो जाते. संघर्ष से भरे…

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बौधाण: पहाड़ियों के जानवरों का लोकदेवता

आंगन में बिना जानवरों के पहाड़ में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. जानवर उनके जीवन में दिन और…

4 years ago

विलुप्त होती अपनी लोक भाषाओं को हमें ही बचाना होगा

अभी हाल में अखबारों में प्रकाशित खबर पढ़ने को मिली कि उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश की भाषाओं-गढ़वाली, कुमाउनी तथा…

4 years ago

ज़ेन गुरू ने यूं सिखाया शिष्य को सबक

 हिंदी की एक बहुत प्रचलित कहावत है – बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता. इस बात की सत्यता को लेकर संदेह…

4 years ago

भविष्य: एक पहाड़ी लोहार की कहानी

रतखाल की दुकानों से लौटे हरकराम गुमसुम से बैठे हैं. वहाँ से आते वक्त ही पैर टूटने लगे थे. दो…

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26 बरस बाद भी उत्तराखंड के सीने पर मुजफ्फरनगर गोलीकाण्ड के घाव हरे हैं

“जो घाव लगे और जाने गयीं वे प्रतिरोध की राजनीति की कीमत थी”,1996 में इलाहबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवि…

4 years ago

भोटान्तिक अर्थव्यवस्था और हूण देश से व्यापार

इतिहास के पुराने पन्नों में गंगा के मैदानों से हिमालय की गगनचुम्बी उपत्यकाओं की ओर अपने पशुओं के साथ बढ़ती…

4 years ago

पत्थरों के पारखी अलविदा : प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

कल पत्थरों के महान पारखी और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के पद्मभूषण से सम्मानित भूगर्भ विज्ञानी डा. खड्ग सिंह वल्दिया साढ़े त्रिरासी…

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डॉक्टर बनने का सपना देखने वाला पहाड़ी बच्चा दुनिया का प्रख्यात भू-वैज्ञानिक बन गया: प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया को श्रद्धांजलि

आज ही के दिन हिमालय पुत्र प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया का जन्म बर्मा के कलौ नगर में हुआ था और…

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रोने वाली बुढ़िया की कहानी से जानिये जीवन में सकारात्मक नजरिए से क्या फर्क पड़ता है

हमारे जीवन में कैसी स्थितियां हैं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, पर उनके प्रति हमारे नजरिए से बहुत ज्यादा फर्क…

4 years ago