संजय जोशी

सिकंदर: बच्चों के लिए एक बेहतरीन फिल्म

हमारे देश में बच्चों का सिनेमा बनाने और उसे प्रचारित–प्रसारित करने के लिए बकायदा एक संस्था है जिसका नाम है…

5 years ago

सिनेमा: फिल्म निर्माण में एक सफल प्रयोग की कहानी

आज जब हम इंटरनेट पर जॉन अब्राहम के नाम से खोज शुरू करते हैं तो सबसे पहले 1972 में पैदा…

5 years ago

सिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनिया

एन वुड द्वारा 1984 में स्थापित टीवी कंपनी रैगडौल से सीख मिलती है कि एक अच्छा प्रोग्राम कैसे और कितनी…

5 years ago

सिनेमा: पहले दिन के पहले शो का देशी रोमांच

आज से तीस साल पहले तक जब डिजिटल तकनीक का कोई अता-पता नहीं था हर शुक्रवार को फ़िल्म रिलीज़ होना…

6 years ago

सिनेमा: लोक में छिपी सुरीली धुनों को तलाशती ‘जुगनी’

युवा फ़िल्मकार शेफाली भूषण पिछले दो दशकों से अपनी वेबसाइट ‘द बीट ऑफ़ इंडिया’ के जरिये दूर-दराज के लोक गायकों…

6 years ago

सिनेमा: महिलाओं के दुःख और उससे मुक्ति की छटपटाहट का फिल्मांकन

ईरानी महिला फ़िल्मकार 'मरजियेह मेश्किनि' की पहली फ़िल्म 'द डे व्हेन आई बीकेम वुमन' तीन छोटी फ़िल्मों में से दूसरी…

6 years ago

सिनेमा : कालजयी फ्रेंच फिल्म ‘रेड बैलून’ का जादू

फ़्रांस के फ़िल्मकार अलबर्ट लेमुरेस्सी द्वारा बच्चों के लिए बनायी फ़िल्म ‘रेड बैलून’ अपने निर्माण के साठ साल बीत जाने…

6 years ago

फ़िल्म आस्वाद किसे मानें

बीती 22 जून से 25 जून इंदौर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था ‘सूत्रधार’ ने इंदौर के होटल अपना व्यू के सबरंग…

6 years ago

प्रेमचंद की याद

हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक…

6 years ago

कुतर्की समय में कुछ तार्किक बातें

यह 2011 साल का सितम्बर महीना था जब जबलपुर से निकलने वाली प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘पहल’ ने दो दिन…

6 years ago