कला साहित्य

ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद

बढ़ती उम्र के साथ पहाड़ में अकेले न रह पाने की विवशता के कारण गोविंदी हल्द्वानी आकर मकानों के जंगल…

4 years ago

लछुली की ईजा – भुवन चन्द्र पन्त की कहानी

प्रायः सुनसान सा रहने वाला लछुली की ईजा का घर-आंगन, आज एकाएक गांव के लोगों से खचाखच भरा था. यह…

4 years ago

बंद दरवाजा – स्मिता कर्नाटक की एक अल्मोड़िया दास्तान

चलते चलते अचानक मेरे पैर जहाँ के तहाँ ठहर गये. अग़ल-बग़ल उठ आये मकानों के बीच इस मकान को खोजना…

4 years ago

एक तीतर को लेकर हुए घमासान में एक परिवार के उजड़ने की लोककथा

कल हमने आपको कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं पर आधारित ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी…

4 years ago

बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा

ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ में कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं…

4 years ago

कुमाऊनी लोककथा- पत्नी और बच्चों के लिये बाघ के उड्यार पर कब्जा जमाने वाले सियार की कहानी

कहते हैं काली नदी के किनारे के घने जंगल में एक आलसी सियार और उसका परिवार रहता था. जंगल की…

4 years ago

हल्द्वानी वाले बुआ-फूफा जी और उनके स्मार्ट फोन

उनकी गृहस्थी सुन्दर थी. फूफा बुआ को स्कूटर पर घुमाते थे. हर इतवार या छुट्टी के दिन वे दोनों किसी…

4 years ago

रेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानी

रानीखेत रोड से होती हुई रेवती लकड़ियों की गढ़ोई (बंडल) लेकर जैसे तंबाकू वाली गली से गुजरी, जमनसिंह की आँखों…

4 years ago

बाघिन को मारने वाले खकरमुन नाम के बकरे की कुमाऊनी लोककथा

बड़ी पुरानी बात है, जाड़ों के दिन थे. पहाड़ पार जंगल में चरने गयी बकरियों में एक गर्भवती बकरी जंगल…

4 years ago

उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी चूहा

वहाँ ज़रूर कुछ अनोखा था. ड्राइव वे की तरफ़ वाला दरवाज़ा आधा खुला और मेरी पत्नी ने दबी ज़ुबान में…

4 years ago