कला साहित्य

गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में

किसी भी सभ्य समाज में गाली एक कुत्सित व निदंनीय व्यवहार का ही परिचायक है, जिसकी उपज क्रोधजन्य है और…

3 years ago

कहानी : प्लेग की चुड़ैल

प्लेग महामारी के समय की व्यथा कहती मास्टर भगवान दास की यह कहानी 1902 में 'सरस्वती' पत्रिका में प्रकाशित हुई…

3 years ago

शेखर जोशी की कहानी ‘गलता लोहा’

मोहन के पैर अनायास ही शिल्पकार टोले की ओर मुड़ गए. उसके मन के किसी कोने में शायद धनराम लोहार…

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एक शब्दहीन नदी: हंसा और शंकर के बहाने न जाने कितने पहाड़ियों का सच कहती शैलेश मटियानी की कहानी

'माई डियर हंसा!''ले प्यारी, इस दफा तेरे आर्डर की मुताबिक, खुले पोस्टकार्ड की जगह पर, बंद इंगलैंड लेटर भेज रहा…

3 years ago

डूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरी

अपने डूबने में यह हरसूद का समकालीन थाशहरों की बसासत के इतिहास को देखें तोयह एक बचपन का डूबना था(Poem…

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उत्तराखण्ड की लक्ष्मी रावत बनीं ‘श्रीराम सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट’ की वर्कशाप डायरेक्टर

उत्तराखण्ड मूल की थियेटर आर्टिस्ट लक्ष्मी रावत देश के बड़े थियेटर ग्रुपों में शुमार ‘श्रीराम सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट’ की…

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शेरदा ‘अनपढ़’ की कविता मुर्दाक बयान

https://www.youtube.com/embed/pU4wsqxMyE0 जब तलक बैठुल कुनैछी, बट्यावौ- बट्यावौ है गेपराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे(Sherda Anpadh Poem) जो दिन…

3 years ago

एक कर्मयोगी के जीवन और जीविका की शानदार दांस्ता: काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि

ओशो कहते हैं कि ‘संतान कितनी ही बड़ी क्यों न हो जाए, अपने माता-पिता से बड़ी कभी नहीं हो सकती.’…

3 years ago

मां आज भी सभी सिक्कों को डॉलर ही कहती है

ब्रह्म ने पृथ्वी के कान में एक बीज मंत्र दे दिया हैउसी क्रिया की प्रतिक्रिया मेंजब बादल बरसते हैं,तो स्नेह…

3 years ago

गोविन्द वल्लभ पन्त की कहानी ‘फटा पत्र’

प्रजापति और मास्टरों के घंटों में इतनी शरारत नहीं करता था, जितनी पंडित श्रानंदरन साहित्य-शास्त्रीजी के घंटे में. वे जब…

3 years ago