कला साहित्य

महेश चंद्र पुनेठा की किताब ‘अब पहुँची हो तुम’

एक कविता संग्रह में सामान्यत: अलग-अलग थीम्स पर कविताएं लिखी जाती हैं. क्या अलग-अलग थीम पर लिखी गई कविताओं में…

3 years ago

मैं कैसे कहूँ कि यह वर्ष तुम्हें सुख दे : हरिशंकर परसाई

साधो, बीता साल गुज़र गया और नया साल शुरू हो गया. नए साल के शुरू में शुभकामना देने की परंपरा…

3 years ago

लोक कथा : चाँद और सूरज आसमान में क्यों रहते हैं?

कई बरस पहले पानी और सूरज बहुत अच्छे दोस्त थे और दोनों ही धरती पर एक साथ रहा करते थे.…

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डूबता शहर: टिहरी बांध बनने में शिल्पकार समाज के संघर्षों का रेखांकन करने वाला उपन्यास

साहित्यकार ‘बचन सिंह नेगी’ का मार्मिक उपन्यास 'डूबता शहर’ "...शेरू भाई! यदि इस टिहरी को डूबना है तो ये लोग…

3 years ago

गांव के उन रास्तों पर अब कोई नहीं चलता

छोटी-छोटी सड़कों ने पहाड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन सड़कों के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए जो पहाड़…

3 years ago

पहाड़ी इस्कूली छोरों के चोरी के किस्से

बचपन गांव में बीते और कभी चोरी नहीं की हो ये हो नहीं सकता. पहाड़ में प्राकृतिक चीजों की चोरी…

3 years ago

ललित मोहन रयाल का नया उपन्यास ‘चाकरी चतुरंग’

व्यावहारिक- सामाजिक सन्दर्भों में 'व्यवस्था' का दृश्य-अदृश्य जितना व्यापक प्रभाव है साहित्यिक-सामाजिक विमर्श में ये उतना ही सामान्यीकृत पद है.…

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‘पूस की रात’ दर्द और दोस्ती की कहानी

हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला…

3 years ago

कृश्न चंदर की कहानी : जामुन का पेड़

रात को बड़े ज़ोर का झक्कड़ (आंधी) चला. सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक दरख़्त गिर पड़ा. सुबह जब…

3 years ago

कहानी : निपल्ट है जो

सारा सामान राधे ने सार कर सड़क पर पंत की दुकान तक पहुंचा दिया था. शंभुवा बैग लेकर खड़ा था…

3 years ago