समाज

देवभूमि में शराब की बॉटलिंग लोगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों को पहचान देगी : मुख्यमंत्री

उत्तराखंड की राजनीति में शराब की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है फिर वह चुनाव के दौरान हो या चुनाव के बाद. इस बात में कोई दोराय नहीं कि उत्तराखंड राजनीति में शराब कई बार निर्णायक भूमिका अदा करती है.

चुनाव के दौरान भी दिन में गला फाड़कर शराब बंदी के नारे लगाये जाते हैं और शाम को शराब से ही गला तर किया जाता है. चुनाव से पहले भाजपा कांग्रेस अपने घोषणा पत्रों में शराब पर प्रतिबंध करने के वायदे लिखती है और चुनाव के बाद बजट में उसी शराब को आय के मुख्य साधन के रूप में इस्तेमाल करती है.

पिछले अठारह सालों में उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस से हर साल शराब से आय में औसतन 10% की वृद्धि लक्षित रखी है. एक बार फिर उत्तराखंड की राजनीति में शराब का मुद्दा आया है.

दरसल बात 2016 की है जब राज्य में हरीश रावत की सरकार थी तब हरीश रावत की सरकार ने एक कम्पनी को देवप्रयाग में शराब की बॉटलिंग के अधिकार दिए थे. इस पर भाजपा पूरे राज्य में सड़कों पर थी. भाजपा के विरोध के बाद यह बात ठंडे बस्ते में चली गयी.

फोटो : I Love My Uttrakhand Sanskriti से साभार

अभी हाल ही में सोशल मीडिया में हिल टॉप नाम की विह्स्की की फोटो वायरल हुई. बॉटलिंग प्लांट के देवप्रयाग के दिए गए पते और ब्रांड के नाम लेकर कई पोस्ट वायरल हो रही हैं. इसके बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक ट्विट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि 

एक उत्तराखंड के गृहस्थ बाबा हैं डबल मंत्री! मुझसे कहते थे कि यदि NCC Academy नहीं तो सरकार नहीं और यदि फ्रूटी बनाने का कारखाना लगा देवप्रयाग क्षेत्र में तो सरकार नहीं. अब भाई जी NCC Academy कख नैघो और हिलटॉप मिल ग्यो! तो हिलटॉप मुबारक. मैं उत्तराखंड से भी जानना चाहता हूं कि मैंने उत्तराखण्डी फलों, सब्जियों आदि की खपत को बढ़ाने के लिये जब आबकारी नीति में परिवर्तन किया तो लोगों ने एक शराब जिसका नाम मैं भूल रहा हूं उसका नाम लेकर के आसमान सर पर उठा दिया कि उसमें 10% फलों का रस ब्लेंड होता था, स्वाद उसका कुछ बदला-बदला सा था. फिर मैंने दो वाइनरी प्लांट लगाने के लिये एक गढ़वाल में एक कुमाऊँ, भीमताल के पास में लाइसेंस दिये, लोग सड़कों में उतर आये मगर ऊंचे लोगों के ऊंचे ख्याल होते हैं. मैं कहाँ फलों, साग-सब्जियों की एल्कोहल युक्त फ्रूटी बनाने की बात कर रहा था, लोग तो विस्की का इंतजार कर रहे थे.
हिलटॉप मुबारक हो.

मिडिया 16 नाम की एक न्यूज वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि इस मामले में सरकार को घिरता देख मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि

यह प्रोजेक्ट पिछली कांग्रेस सरकार के समय ही तय हो गया था. वर्तमान सरकार उसी पर आगे बढ़ी है. इसका विरोध बेवजह किसी मामले को तूल देने जैसा है. जो लोग विरोध कर रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इससे न केवल स्थानीय फलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि सूबे के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. हर मामले में विरोध करने की मानसिकता सही नहीं है.

खैर इतना तय है कि अलकनंदा और भागीरथी के संगम देवप्रयाग पर शराब की बॉटलिंग हो रही है. शराब के मामले में भाजपा और कांग्रेस की नीति और घोषणा पत्र के वादे हमेशा एक ही रहे हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

2 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

4 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

1 week ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago