उत्तराखण्ड सरकार की महत्वपूर्ण योजना 13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम पिथौरागढ जिले में लिया गया. जिले के चंडाक क्षेत्र में नीदरलैंड से आयातित 25 हजार ट्यूलिप के बीजों का प्लांटेशन किया गया. इसी साल मार्च के महीने तक फूलों के खिलने की उम्मीद भी की जा रही है. (Asia’s Largest Tulip Garden in Pithoragarh)
50 हैक्टेयर में फैला यह ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बताया जा रहा है. देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन जम्मू कश्मीर में है. जम्मू-कश्मीर का यह ट्यूलिप गार्डन 1 हैक्टेयर में फैला है.
दुनिया में ट्यूलिप की 4000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. ठंडे स्थानों में उगने वाले इस फूल का मूल स्थान टर्की माना जाता है. ईरानी भाषा के शब्द ट्यूलिप का अर्थ पगड़ी से होता है. 1500 मीटर से 2500 मीटर तक की ऊँचाई में उगने वाले इस फूल का वानस्पतिक नाम लिलिससई है.
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन में ट्यूलिप के पौधे लगाई जाने संबंधित पोस्ट साझा करते हुये लिखा कि
मुझे यह बताते हुवे बेहद खुशी है कि 13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन को धरातल पर उतारने की कड़ी में राज्य के पिथौरागढ़ जिले में एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन का सपना जल्द साकार होने वाला है। नीदरलैंड से आयात किए गए 25 हजार ट्यूलिप बल्ब (बीज) का प्लांटेशन किया जा चुका है। मार्च 2020 तक ट्यूलिप खिलने लगेंगे जिससे पिथौरागढ़ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन जाएगा। यह गार्डन 50 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होगा। (Asia’s Largest Tulip Garden in Pithoragarh)
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