क्रिकेट के पुछल्लों के कारनामे

5 years ago

ऐसा कई बार हुआ है कि बोलिंग टीम सामने वाली के छक्के छुड़ा कर शुरुआती छः-सात विकेट सस्ते में निबटा…

रोटी के साथ उम्मीद भी जुटानी पड़ती है

5 years ago

सड़क चलता कोई व्यक्ति एक्सिडेंट का शिकार हो जाए, इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं होती. लेकिन इस दुर्घटना का चौतरफा…

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 58

5 years ago

इस परिवार की दूसरी फर्म जवाहरलाल जगन्नाथ प्रसाद नाम से बनी, जिसमें मिश्री गट्टा, बूरा का कार्य होता था. सदर…

कब बन जाते हैं आदमी के दो चेहरे

5 years ago

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार – पंद्रहवीं क़िस्त क्या आपने इलाचंद्र जोशी के ‘प्लेंचेट’ और परामनोविज्ञान का…

मुनस्यारी का लाल बुरांश

5 years ago

कुमाऊंनी में जब भावना, कमला, चंदा, हिमा, बब्ली जैसी नायिकाओं के नाम वाले गीतों का वर्चस्व है उस समय भल…

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 56

5 years ago

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

तुलसी रैमसे को इतनी श्रद्धांजलि तो बनती है!

5 years ago

कराची और लाहौर में इलेक्ट्रोनिक्स के सामान की दुकान चलाने वाले फतेहचंद रामसिंघानिया को बंटवारे के चलते अपना कारोबार बंद…

जब क्रिकेट में फील्डिंग के लिए नियम नहीं हुआ करते थे

5 years ago

क्रिकेट के खेल में फील्डिंग का भी बहुत महत्त्व है. जोंटी रोड्स जैसे खिलाड़ी फील्डिंग की इस महत्ता को नयी…

हम फिर से उसी थकान से भर जाते हैं

5 years ago

किसी को जानो तो बस इतना ही जानना कि कोई और भी दिखे तो उसके होने का भ्रम होता रहे…

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 57

5 years ago

यूसुफ साहब बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अपने बुजुर्गों से रामगढ़, नथुवाखान, बागेश्वर इत्यादि नाम सुने थे. इन जगहों…