चन्द्र सिंह राही: आवाज जो सुनने वालों के कानों में खनक भर देती है

3 years ago

चन्द्र सिंह राही, ग्रामोफोन, कैसेट, सी. डी. दौर की पहली पीढ़ी के गढ़वाली लोकगायकों में से एक थे. उनका जन्म…

दून घाटी में साल के वन और उनमें विराजमान चार सिद्ध

3 years ago

दून घाटी में प्रवेश करते ही साल के खूबसूरत जंगल आपका स्वागत करते हैं. इस घाटी में आप चारों तरफ…

गढ़वाल चित्रकला शैली और मौलाराम

3 years ago

उत्तराखंड का गढ़वाल हिमालय अपनी नैसर्गिक सुन्दरता तथा पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध रहा है. यह क्षेत्र भारतीय संस्कृति की…

जहाजी मजदूर से नृत्य की ऊंचाई को छूनेवाला उस्ताद – अस्ताद देबू

3 years ago

बीती 10 दिसम्बर 2020 को भारतीय संस्कृति में एक अहम मुकाम पैदा करने वाले नर्तक अस्तद देबू का देहांत हो…

हवाई पट्टी फैलेगी खेत सिमटेंगे अभयारण्य सिकुड़ेगा

3 years ago

राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती "थानो वन" अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. ऋषिकेश से ऊपर चढ़ें…

दीवाली-सा लगा था गढ़वालियों को वो क्रिसमस

3 years ago

क्रिसमस-युद्धविराम, प्रथम विश्वयुद्ध की सबसे प्रसिद्ध उपकथाओं में से एक है. पूरी तरह से अनऑफिशियल और तात्कालिक ये युद्धविराम 24-25…

अनपाशणि से पहले पिछले जन्म की सारी बातें याद रहती हैं

3 years ago

’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है,…

कम तनख्वाह वाले सरकारी स्कूल के मास्साब

3 years ago

वैसे हम पहाड़ी पहले ही सरकारी सिस्टम की मार झेल रहे हैं. पहाड़ के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. स्कूलों…

जयंती, शिक्षा विभाग और चाय-नमकीन

3 years ago

अपने मुल्क में बड़े लोगों की जयंती मनाए जाने का चलन आम है. बहुत बड़े लोगों की पुण्यतिथि भी मनाई…

दो सैंणियों वाले कव्वे की रीस: उत्तराखंडी लोककथा

3 years ago

एक कव्वा था. उसकी दो सैंणियाँ थीं. एक नई जवान देखणंचाणं थी, दूसरी उतनी सुन्दर तो नहीं थी. पर होशियार…