भाजपा ने एकबार फिर उत्तराखंड लोकसभा की पांचों सीटें अपने नाम की है. पांच सीटों में नैनीताल-उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा और टिहरी गढ़वाल के तीनों भाजपा प्रत्याशियों ने जीत की हैट्रिक लगाई है. ख़ास बात यह है कि जीतने वाले तीनों प्रत्याशियों ने भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. तीनों लोकसभा की जनता ने लगातार तीसरी बार अपने जनप्रतिनिधियों पर विश्वास जताया है. जानते हैं जीत की हैट्रिक लगाने वाले इन प्रत्याशियों को :
(3rd time Election win Nainital 2024)
भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय भट्ट ने नैनीताल उधमसिंह नगर सीट पर जीत दर्ज की. मोदी सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रह चुके अजय भट्ट उत्तराखंड बीजेपी में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र के रहने वाले अजय भट्ट ने अल्मोड़ा कॉलेज से बीए एलएलबी किया. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के सफर को शुरू किया.
(3rd time Election win Nainital 2024)
985 में भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई में शामिल अजय भट्ट ने राजनीति की शुरुआत करते हुए युवाओं का प्रतिनिधित्व करना शुरू किया. कुछ समय बाद अजय भट्ट उत्तर प्रदेश इकाई की वर्किंग कमेटी के सदस्य भी बन गए. इसके बाद भाजपा में संगठन के तौर पर उन्होंने अल्मोड़ा जिले के संगठन मंत्री के रूप में भी काम किया.
अजय भट्ट ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान में भी महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका को अदा की. 1996 में अजय भट्ट ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2012 का विधानसभा चुनाव जीतकर अजय भट्ट विधानसभा पहुंचे इस दौरान सरकार कांग्रेस की बनी और अजय भट्ट नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुने गए.
(3rd time Election win Nainital 2024)
साल 2014 में भाजपा हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया और नैनीताल उधमसिंहनगर लोकसभा सीट से टिकट दिया. पार्टी हाई कमान के भरोसे पर खरा उतारते हुए अजय भट्ट ने चुनाव जीता. 2014 में बनी केन्द्रीय सरकार में वह केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री के पद पर रहे. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से उन्हें नैनीताल सीट से चुनावी मैदान में उतारा इस बार वह बम्पर वोटों से जीते.
2024 में अजय भट्ट ने हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की. इस बार चुनाव में अजय भट्ट ने तीन लाख के वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
(3rd time Election win Nainital 2024)
अल्मोड़ा में जन्मे अजय टम्टा की पढ़ाई मुख्यतः अल्मोड़ा में ही हुई. अजय टम्टा छात्र जीवन में ही एबीवीपी से जुड़ गए थे. राजनीति में सक्रिय होने का असर पढ़ाई पर पड़ा और अजय टम्टा ग्रेजुएशन पूरी नहीं कर पाए. 1996 में अजय टम्टा, अल्मोड़ा (तब अल्मोड़ा-बागेश्वर एक ही ज़िला थे) से ज़िला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए और अगले ही साल 1997 में अल्मोड़ा (सामान्य) के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बन गए. उस समय अजय टम्टा देश में सबसे कम उम्र के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने थे.
2007 विधानसभा चुनाव में अजय टम्टा सोमेश्वर विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने. खंडूड़ी सरकार में अजय टम्टा को राज्यमंत्री का प्रभार सौंपा गया. 2008 में वह राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए. साल 2010 में भाजपा ने उन्हें पार्टी के अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और 2011 में अजय टम्टा भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
2014 के आम चुनाव में अजय टम्टा ने प्रदीप टम्टा को लोकसभा चुनाव हराया. नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें मंत्री पद भी दिया गया. 2016 में अजय टम्टा को केंद्रीय वस्त्र राज्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. 2019 में एक बार फिर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने अजय टम्टा पर भरोसा दिखाया जिस पर वह खरे उतरे. तमाम अटकलों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में भी केन्द्रीय भाजपा नेतृत्व ने अजय टम्टा पर भरोसा जताया जिसपर खरे उतरते हुए उन्होंने बड़े वोटो के अंतर से एकबार फिर कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को शिकस्त दी.
(3rd time Election win Nainital 2024)
टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड राज्य की वह सीट है जिसे राज्य की पहली महिला लोकसभा सदस्य चुनी गयी. पहली बार टिहरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी का खाता मानवेन्द्र शाह ने 1991 में खोला. मानवेन्द्र शाह इससे पहले इस सीट पर तीन बार सांसद रह चुके थे लेकिन कांग्रेस के टिकट पर. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने साही परिवार की बहु राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट दिया. दोनों ही बार भाजपा का राजशाही दाव सही बैठा.
2024 के चुनाव से पूर्व तमाम अटकलों के बावजूद टिहरी की सीट से राजशाही का तिलिस्म न टूटा और भाजपा ने एक बार फिर राजशाही दाव खेला. भाजपा का यह दाव एकबार फिर सही साबित हुआ. टिहरी की जनता ने एकबार फिर साही परिवार की बहु राज्य लक्ष्मी शाह को अपना जनप्रतिनिधि चुना.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…