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सेल्फी के लिये जान गंवाने पर आमादा युवा पीढ़ी : ऋषिकेश में एक और मौत

अक्सर बच्चे जब घूमने जाते हैं तो वह रोमांचकारी स्थानों पर बहुत खतरनाक स्थिति तक जाकर सेल्फी लेते हैं और अपने आप को अपने ग्रुप में कुछ अलग ही जिंदादिल साबित करते हैं.

दुस्साहस की यह कोशिशें कई बार कामयाब हो जाती हैं. लेकिन जब भी यह कोशिश असफल होती है तो पूरे ग्रुप के लिए और खासकर परिवार के लिए एक ऐसी परेशानी का सबब बन जाती है जिससे उबर पाना ताउम्र उनके लिए संभव नहीं होता है. बच्चे उस मां बाप का दुख शायद ही समझ पाएं, जिनका जवान बेटा ऐसी दुस्साहसिक सेल्फी के कारण मौत के मुंह में समा जाता है.


कल 28 जून को शाम 4:30 बजे करीब शिवपुरी थाना मुनिकी रेती के पास, सकुशल राफ्टिंग पूरी कर, एक ऐसी ही दुस्साहसिक सेल्फी की कोशिश में अम्बाजी रोड सूरत का एक पर्यटक फैनिल ठक्कर गहरी जल धारा में सेल्फी लेने गया, पांव फिसलने से नदी में गिर गया, उसे बचाने गए तीन साथियों से दो अन्य भी बह गए. जल पुलिस, एसडीआरएफ, फ्लड कम्पनी ने देर रात तक तलाश की फैनिल का शव तो मिल गया. अन्य दो के लिए पुलिस टीम जी जान से जुटी है.

उत्तराखंड में इस तरह की ख़बरें आये दिन आती रहती हैं. कुछ महीनों पहले ही हल्द्वानी-नैनीताल रोड में एक चलती कार में दो युवा फेसबुक लाइव वीडियो बनाते हुये गहरी खाई में गिर गये थे. सेल्फी के चक्कर में आप हर रोज भीमताल-हल्द्वानी सड़क पर मौजूद सुसाइड पाइंट पर बच्चों को अपनी जान जोख़िम में डालते देख सकते हैं.

बच्चे जब भी बाहर जाएं उन्हें सख्त हिदायत दें. आग,पानी और पहाड़ से न खेलें इनका गुस्सा बहुत नाजुक होता है

 

 

प्रमोद साह
प्रमोद साह वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं. एक सजग और प्रखर वक्ता और लेखक के रूप में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता पाई है. वे काफल ट्री के नियमित सहयोगी.

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