भारत में लोगों के दिमाग में पुलिस की छवि बहुत ख़राब रहती है. सामान्य रूप से किसी अन्य देश में अगर सड़क पर आपकी गाड़ी ख़राब हो जाये और आप पुलिस की गाड़ी देख लें तो आपको खुशी होगी कि शायद कोई मदद मिल जाये. भारत में स्थिति इसके उलट है पुलिस की गाड़ी देखते ही आदमी को मनहूसियत याद आती है.
पुलिस को लेकर लोगों में इस हद तक अविश्वास है कि एक आदमी जो कुछ देर बाद मरने वाला होगा पुलिस को देखकर दो मिनट पहले ही अपनी आंखें बंद कर लेगा और साँसें रोक लेगा लेकिन पुलिस से मदद नहीं चाहेगा.
ऐसे समय में पुलिस की ऐसी तस्वीरें आयें जिसमें पुलिस लोगों के साथ मित्रवत व्यवहार करे तो आश्चर्य होना लाजमी है. इन दिनों ऐसी ही कुछ तस्वीरें उत्तराखंड पुलिस की आ रही हैं जिनमें उत्तराखंड पुलिस के सिपाही लोगों की मदद करते दिख रहे हैं.
ये सभी तस्वीरें उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज पर साझा की गयी है. तस्वीरों के साथ कम शब्दों में पुलिस की वाह-वाही के साथ घटना का विवरण होता है. कुछ तस्वीरें देखिये :
इस तस्वीर के साथ लिखी पोस्ट में उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि
उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली एक महिला अपने पति के साथ कांवड़ लेकर हरिद्वार आयी थी. नमामि गंगे घाट के पास से गुजरते समय महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह घाट के किनारे बैठकर दर्द से कराहने लगी. गर्भवती महिला को कराहता देख पुलिसकर्मियों ने वजह पूछी, तो पति ने बताया कि वह कांवड़ लेने आए थे और उसकी पत्नी गर्भवती है. यह बात मौके पर मौजूद SI कर्मवीर सिंह ने एसओ श्यामपुर दीपक कठैत को बताई. उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए सरकारी गाड़ी में महिला को बैठाया और महिला अस्पताल की ओर चल पड़े. अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने गाड़ी में बच्चे को जन्म दे दिया, जिसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
तस्वीर में मौजूद दो बच्चे अपने पिता के साथ हैं जो रुढ़की में अपने पिता से अलग हुये. थे कांस्टेबल पूरन सिंह ने रूढकी और आस-पास के क्षेत्रों में गाड़ी में बच्चों को घुमाकर उनके पिता से मिलाने में मदद की.
सड़क मार्ग पर चोटिल कावाड़ की मदद करता उत्तराखंड पुलिस का एक कांस्टेबल.
-काफल ट्री डेस्क
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