2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए उत्तराखंड सरकार में मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य आज पुनः कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल, भूतपूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत महत्वपूर्ण नेताओं की मौजूदगी में यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.
(Yashpal Arya & Son Sanjeev)
यशपाल आर्य ने कहा कि इन पाँच सालों में भाजपा में उन्हें कभी भी उचित मान-सम्मान नहीं मिला. पार्टी ने उनका फायदा चुनाव में खूब उठाया लेकिन उन्हें कभी भाजपा का अपना नहीं समझा गया. भाजपा उनके साथ हमेशा भेदभाव पूर्ण रवैया अख्तियार किये रही. इसलिए वे भाजपा से त्यागपत्र देते हुए कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं. आर्य ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को दोबारा से राज्य की सत्ता पर लाना उनका मिशन है.
यशपाल आर्य उत्तर भारत के प्रमुख दलित नेताओं में से हैं. उनके जाने से भारतीय जनता पार्टी को काफ़ी नुकसान होने की संभावना है. इससे पहले यशपाल आर्य कांग्रेस सरकार में भी मंत्री पद पर रहे थे. दो बड़े विधायाकों के कांग्रेस जहां मजबूती का दावा कर रही है वहीं भाजपा जवाब देने से बचती नजर आ रही है.
कांग्रेस द्वारा की गयी प्रेस कांफ्रेस में हरीश रावत ने कहा कि जब राहुल गांधी ने यशपाल आर्य से बातचीत के दौरान भाजपा और कांग्रेस पार्टी में अंतर के विषय में पूछा तो उन्होंने बताया की कांग्रेस के भीतर आंतरिक लोकतंत्र है और लोकतंत्रिक मूल्यों की वैल्यू है. कांग्रेस के भीतर अपनी बात सबल तरीके से कही जा सकती है और अपनी असहमति व्यक्त की जा सकती है. दूसरा अंतर यह है कि कांग्रेस दिल से दलित से गरीब से जरूरतमंद से प्यार करती है जबकि वहां दलित को केवल शोपीस की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
(Yashpal Arya & Son Sanjeev)
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