पिछले साल उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने उत्तराखंड का पहला आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का दावा किया था. केंद्र सरकार वार्षिक बजट से पहले एक रिपोर्ट जारी करती है जिसे आर्थिक समीक्षा कहा जाता है इसी तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने भी पिछले साल से आर्थिक सर्वेक्षण जारी करना शुरु किया.
अर्थ एवं संख्या निदेशालय, नियोजन विभाग ,उत्तराखंड सरकार की वेबसाईट पर आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट देखी जा सकती है. इस साल 13 फरवरी की तारीख को अर्थ एवं संख्या निदेशालय, नियोजन विभाग, उत्तराखंड सरकार की वेबसाईट पर आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 (Under Section/Module :आर्थिक सर्वेक्षण), आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Under Section/Module :आर्थिक सर्वेक्षण) नाम से दो फाइलें अपलोड की गयी.
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 (Under Section/Module :आर्थिक सर्वेक्षण), यह फाइल अंग्रेजी में है जिसे आई.आई.एम. काशीपुर द्वारा तैयार किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Under Section/Module :आर्थिक सर्वेक्षण) नाम से अपलोड की गयी दूसरी फ़ाइल में पेज नंबर 133 के बाद अगला पेज नंबर 184 है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के इंडेक्स में अगर आप देखें तो हैरान करने वाली बात जो सामने आती है वह कि 133 से 184 पेज के बीच जो अध्याय आते हैं वह हैं परिवहन एवं संचार, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन, शिक्षा और स्वास्थ्य.स्वास्थ्य से जुड़े शुरुआती पन्ने गायब हैं.
सरकार इन चारों को ही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का आधार विन्दु मानती है और इन्हीं चारों के आकड़े आम जनता से छुपा रही है.
इसे एक तकनीकी गलती माना जा सकता थे लेकिन जिस तरीके से एक सिरे से वह आकड़े गायब किये गये हैं जो सीधा जनता के हितों से जुड़े हैं और शायद चुनावी मुद्दे भी बन सकते थे इसकारण संदेह अधिक गहरा हो जाता है कि सरकार ने यह जानबूझ करकिया है.
च्यूंकि यह रिपोर्ट 13 फरवरी को वेबसाईट पर लगा दी गयी है उसके बावजूद प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने इसपर ध्यान नहीं दिया है इससे यह भी देखा जा सकता है कि उत्तराखंड की राजनीति में परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा मुद्दा ही नहीं हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण किसी भी अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक सटीक आकड़ा पेश करती है. इसके आकड़े आर्थिक स्थिति के तुलनात्मक अध्ययन में सहायक होती है.
-काफल ट्री डेस्क
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